साइबर क्राइम: अपराध के मामले हर रोज दिन पे दिन बढ़ते जा रहे हैं लेकिन पुलिस लाेगों को होशियार करने तक ही सिमटी हुई है। साइबर ठग ठगी करने के नए-नए तरीके अपना रहे हैं। कहीं रसोई गैस कनैक्शन काटने तो कही किसी के बैंक खाता से बिना जानकारी लाखों रुपए गायब कर रहे
जागरूकता कार्यक्रमों के बावजूद सितम्बर महीने के मामलों में ठगी करने वालो की हरकत पर लगाम नहीं लगाई जा सकी।
इसलिए आम शहरी के लोगो को खुद ही जागरूक होने की जरूरत है। पुलिस आरोपियों तक पहुंच तो रही है लेकिन पूरी तरह से ठगी होने से रोक पाने में नाकाम साबित हो रही है। कहने को तो साइबर क्राइम को रोकने के लिए अलग से साइबर क्राइम थाने खोले गए हैं, मगर पीड़ित कार्रवाई व न्याय को लेकर लगातार पुलिस के चक्कर काटने को मजबूर हो रहे हैं।
ज्यादातर साइबर ठग फर्जी मोबाइल वह फर्जी नंबरों का ही इस्तेमाल कर ठगी की वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। इतना ही नहीं उनकी लोकेशन भी मिनटों- मिनटों में बदलती रहती है। कभी उनकी लोकेशन दिल्ली की आती है तो अगली मिनट में लोकेशन उड़ीसा, पश्चिम बंगाल की आने लगती है जिससे पुलिस को आरोपियों तक पहुंचने में बेहद दिक्कतों का सामना करना पड़ता है| कहा जा रहा है की ठगी करने वाला बहुत शातिर है पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है ।