सोहना दो सीनियर सेंडक़री स्कूलों के प्रिंसिपल हुए सेवानिवृत्त-
दोनों स्कूलों में प्रिंसिपल के पद हुए खाली-टीचरों का भी अभाव-
एक स्कूल मॉडल सांस्कृतिक तो दूसरा है,गर्ल सीनियर सेकंडरी स्कूल-
दोनों स्कूलों में किया गया विदाई समारोह कार्यक्रम का आयोजन-
लड़कियों के स्कूल में ग्राउंड का अभाव तो मॉडल सांस्कृतिक में नही है बिल्डिंग-
सोहना,हरियाणा वरदान संवाददाता।
शनिवार को सोहना के दोनों सीनियर सेकंडरी स्कूलों के प्रिंसिपलों का कार्यकाल पूरा होने के बाद सेवानिवृत्त हो गए है।यानी कि जहॉ स्कूलों में पहले से ही टीचरो का टोटा था वही अब प्रिंसिपलों के पद भी खाली हो गए है।क़स्बा के दोनों स्कूलों में प्रिंसिपलो कि विदाई पार्टी कार्यक्रयम का आयोजन किया गया।जहां पर क़स्बा के मौजिज लोग व कई स्कूलों के प्रिंसिपलों भी विदाई पार्टी में पहुँचे जिंन्होने सेवानिवृत्ति के अवसर पर जहॉ एक तरफ प्रिंसिपलों का पगड़ी बाधकर भव्य स्वागत किया वही उनके अच्छे स्वास्थ्य की कामना करते हुए सुखमय जीवन की कामना की।इस मौके पर मॉडल सांस्कृतिक स्कूल के प्रिंसिपल सुरेंद्र वर्मा व गर्ल्ज स्कूल के प्रिंसिपल सोमेश कटारिया ने भी स्कूल स्टाफ का आभार व्यक्त करते हुए स्कूली छात्र-छात्राओं के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए दिल लगाकर पढ़ने का अनुरोध किया है,ताकि स्कूली बच्चें एक दिन अपने विधालय अपने माता-पिता व अपने जिले के साथ-साथ प्रदेश व देश का नाम रोशन कर सके।
बतादें कि सरकार द्वारा जारी की गई गाइड लाइन के अनुसार दोनों प्रिंसिपल शनिवार को अपना कार्यकाल पूरा होने के बाद रिटायरमेंट हो गई।जिनमे से गर्ल्ज स्कूल के प्रिंसिपल ने तो 10 दिन पहले ही कार्यभार संभाला था।वही मॉडल सांस्कृतिक स्कूल के प्रिंसीपल पिछले पांच सालों से सोहना में ही कार्यरत थे जिनके कार्यकाल के दौरान ही इस स्कूल को मॉडल सांस्कृतिक का दर्जा मिला था इसके अलावा स्कूल में बन रही तीन मंजिला इमारत बनाने में भी अहम भागेदारी रही है,जिंन्होने स्कूल के बिगड़े हुए माहौल को सुधारने में कड़ी मस्कत की थी ओर अगर हम बात रिजल्ट की करे तो टीचरो के अभाव के चलते भी दोनों स्कूलों का बोर्ड रिजल्ट भी बहुत अच्छा रहा है।वही अगर हम गर्लज स्कूल की बात करे तो करीब तीन हजार लडकिया इस स्कूल में पढ़ती है,लेकिन यहां पर लड़कियों के लिए कोई ग्राउंड नही है,अगर इस स्कूल को भी मल्टीस्टोरी बनाया जाए तो लड़कियों के लिए ग्राउंड भी निकल आये और छात्राओं को जर्जर इमारत से भी छुटकारा मिल जाये।लेकिन देखना इस बात का होगा कि शिक्षा विभाग द्वारा गर्ल्ज स्कूल में ग्राउण्ड बनाने के लिए क्या रूप रेखा तैयार की जाती है और मॉडल सांस्कृतिक स्कूल में टीचरो की कमी को कब तक पूरा किया जाता है।