चंडीगढ़ ट्रांसपोर्ट अंडरटेकिंग 40 नई नॉन एसी डीजल बसें खरीदने जा रहा है-
40 पुरानी डीजल बसों को रिप्लेस करेंगी-
टेंडर जारी करने के लिए अब मंत्रालय से अंतिम मंजूरी का इंतजार –
जनवरी में शुरू हुई थीं 60 एसी बसें-
ब्यूरो रिपोर्ट चंडीगढ़ –
चंडीगढ़ ट्रांसपोर्ट अंडरटेकिंग (सीटीयू) अब 40 नई नॉन एसी डीजल बसें खरीदने जा रहा है और यह सुविधा लंबी दूरी के यात्रियों को राहत देने के लिए किया जा रहा है। इसके लिए वित्त विभाग से मंजूरी मिल चुकी है और जल्द ही इसके लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी ,ऐसी संभावना है।जानकारी के अनुसार,ये नई बसें वर्तमान में चल रही 40 पुरानी डीजल बसों को रिप्लेस करेंगी, जो जल्द ही अपनी 15 साल के बाद चलने लायक नहीं रहेंगी यानि खराब हो जाएंगी।
सीटीयू ने इसी साल जनवरी में 60 एसी बसें भी रूट पर उतारी थीं, जो अभी तक दिल्ली, सिरसा, नारनौल .रोहतक, शिमला, अमृतसर सहित कई जगहों पर यात्रियों को सेवाएं दे रही हैं वही अब अब नॉन एसी डीजल बसों की खरीद से लंबी दूरी के रूटों पर बसों की उपलब्धता और बेहतर होगी। इन बसों में यात्रियों की सुविधा का विशेष ध्यान रखा जाएगा। सभी बसों में आरामदायक सीटें, मोबाइल चार्जिंग पॉइंट और जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम जैसी आधुनिक सुविधाएं होंगी, जिससे यात्रियों को बसों की लाइव लोकेशन की जानकारी भी मिल सकेगी।सीटीयू की ये नई बसें चंडीगढ़ से दिल्ली,शिमला,अमृतसर,तलवंडी,सिरसा,लुधियाना,,साबो जैसे प्रमुख रूटों पर चलेंगी जिससे लोगों को काफी सुविधा होगी।
दूसरी ओर, लोकल रूट के लिए प्रस्तावित 100 इलेक्ट्रिक बसों की योजना है जो अब भी केंद्र सरकार की मंजूरी के इंतजार में रुकी हुई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय को प्रशासन ने डेढ़ महीने पहले आरएफपी भेजी थी। इसके तहत डिपो नंबर-4 की पुरानी 100 डीजल बसों को रिप्लेस किया जाना है, जो नवंबर 2025 से जनवरी 2026 तक 15 साल पूरे कर लेंगी और रोड पर चलने लायक नहीं रहेंगी।
सीटीयू को केंद्र सरकार की पीएम ई-बस योजना के तहत डेढ़ साल पहले इन 100 इलेक्ट्रिक बसों के लिए सब्सिडी की मंजूरी भी मिली थी। अधिकारियों ने इस संबंध में दिल्ली जाकर मंत्रालय को अवगत कराया लेकिन अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। फ़िलहाल ,
टेंडर जारी करने के लिए अब मंत्रालय से अंतिम मंजूरी का इंतजार है लेकिन देखना यह होगा कि केंद्र सरकार द्वारा इस योजना को आखिर कबतक मंजूरी मिलती है और लोग इस सुविधा का लुत्फ़ कबतक उठा पाते हैं?