फरीदाबाद में मकानों को बचाने के लिए होगा 13 जुलाई को महापंचायत-
अरावली में बसा गांव अनंगपुर में होगा आंदोलन –
पक्ष-विपक्ष के राजनेताओं सहित दूसरी यूनियन के नेता और गांव के लोग भी भाग लेंगे –
ग्रामीण बोले- सैकड़ों सालों से रह रहे,अवैध कैसे? –
ब्यूरो रिपोर्ट फरीदाबाद-
हरियाणा के फरीदाबाद में नगर निगम द्वारा अतिक्रमण के शिकार होनेवाले मकानों को बचाने के लिए अब आंदोलन शुरू हो रहा है।अरावली में बसा गांव अनंगपुर इन दिनों प्रशासन द्वारा अतिक्रमण का शिकार हो रहा है जहाँ उनके वषों पुराने घरों और सपनो के आशियाने को आँखों के सामने तोड़ा और उजारा जा रहा है।मकानों को टूटने से बचाने के लिए यहाँ हर रोज पंचायत हो रही है लेकिन इसको लेकर इस गांव के लोगों ने 13 जुलाई को महापंचायत करने का फैसला किया है जिसमे देश के हर हिस्से से पक्ष-विपक्ष के राजनेताओं सहित दूसरी यूनियन के नेता और गांव के लोग भी भाग लेंगे और महापंचायत में इसके खिलाफ एकमत से फैसला लेंगे।
गांव अनंगपुर में कई बार प्रशासन ने यहां पर तोड़फोड़ की कार्रवाई करने की कोशिश की, लेकिन गांव वालों के प्रदर्शन और राजनीतिक दबाव के चलते प्रशासन की टीमों को यहाँ से पीछे हटना पड़ा। यहां तक कि टीमों पर पथराव हुआ और सुरक्षा के लिए पुलिस को लाठीचार्ज भी करना पड़ा।
दरअसल सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद वन विभाग अरावली के सभी वन क्षेत्र में बने अवैध निमार्ण को नोटिस देने के बाद तोड़ रहा है।वन विभाग ने इससे पहले एक सर्वे भी किया था। इसमें इन जगहों 6 हजार से ज्यादा अवैध निमार्ण चिन्हित गए हैं। इनमें अरावली में बसे गांव अनंगपुर,अनखीर और कई अन्य जगहों में सबसे ज्यादा अवैध निमार्ण पाए गए जिसके बाद इनको प्रशासन के बाद तोड़ने के लिए चिन्हित किया गया था। फरीदाबाद वन विभाग के अनुसार सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर यह कार्रवाई हो रही है और उन्हें जुलाई के अंत तक सुप्रीम कोर्ट में कार्रवाई की रिपोर्ट सौंपनी है।वन विभाग का कहना है कि अनंगपुर गांव का पुश्तैनी आबादी के क्षेत्र में बने मकानों पर किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है जो वैध है।जिन लोगों ने गांव की मूल आबादी क्षेत्र से बाहर आकर मकान बनाए है,जो वन क्षेत्र का हिस्सा है। उन्हीं मकानों पर विभाग कार्रवाई कर रहा है?
जबकि अनंगपुर गांव के लोगों का कहना है कि उनके पूवर्ज सैकड़ों सालों से इस गांव में रहते आ रहे है।उनके सभी दस्तावेज वोटर कार्ड, आधार कार्ड,राशन कार्ड ,परिवार पहचान पत्र यहीं पर बने तो फिर उनके मकान कैसे अवैध हो सकते हैं। वहीँ कांग्रेस नेता विजय प्रताप ने इस पंचायत का सपोर्ट करते हुए कहा है कि वो किसी भी कीमत पर मकानों को टूटने नहीं देंगे।इतना ही नहीं , केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने भी लोगों को आश्वासन दिया है कि मकानों को तोड़ा नहीं जाएगा चाहे इसके लिए चाहे कानूनी लड़ाई का सहारा ही क्यों नही लेना पड़े? 13 जुलाई को होनेवाले महापंचायत में क्या निर्णय लिया जायेगा फ़िलहाल इसपर सभी की नज़र टिकी हुए है।