नॉर्थ इंडिया का सबसे बड़ा फ्लोटिंग सोलर-प्लांट चंडीगढ़ में शुरू हुआ –
CREST ने शुरू किया –
भारत सरकार के गृह मंत्रालय के अपर सचिव नितेश व्यास ने प्लांट का दौरा किया-
हर साल करीब 35 लाख यूनिट स्वच्छ ऊर्जा पैदा करेगा-
हर साल बचेगा 477.5 मिलियन लीटर पानी-
कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी-
ब्यूरो रिपोर्ट चंडीगढ़
चंडीगढ़ में नॉर्थ इंडिया का सबसे बड़ा फ्लोटिंग सोलर-प्लांट यानि (तैरता हुआ सौर संयंत्र) शुरू हो गया है।चंडीगढ़ रिन्युएबल एनर्जी एंड साइंस एंड टेक्नोलॉजी प्रमोशन सोसाइटी यानि CREST ने इसे शुरू किया है।चंडीगढ़ में जल कार्य, सेक्टर-39 स्थित वाटरवर्क्स पर यह शुरू हुआ है।इस अवसर पर भारत सरकार के गृह मंत्रालय के अपर सचिव नितेश व्यास ने प्लांट का दौरा किया जो दो दिन के दौरे पर चंडीगढ़ आये हुए हैं।
परियोजना की सराहना करते हुए कहा नितेश व्यास ने कि फ्लोटिंग सोलर-प्लांट के शुरू होने से पर्यावरण को संरक्षण मिलेगा और सतत ऊर्जा की दिशा में अभूतपूर्व प्रगति होगी। इस दौरान विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और नवीकरणीय ऊर्जा विभाग के सचिव एवं निदेशक तथा CREST के सीईओ ने उन्हें इस परियोजना के बारे में बताया और इसके भविष्य के उपयोग के बारे में अवगत कराया। उन्होंने कहा कि इस योजना से हर साल बचेगा 477.5 मिलियन लीटर पानी बचेगा और 2415 मीट्रिक टन कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी।फ्लोटिंग सोलर प्लांट हर साल करीब 35 लाख यूनिट स्वच्छ ऊर्जा पैदा करेगा और साथ ही, जलाशय की सतह पर पैनल लगे होने से वाष्पीकरण में कमी आएगी जिससे हर साल लगभग 477.5 मिलियन लीटर पीने योग्य पानी की बचत होगी जोकि वाकई में प्रेरणादायक है।उन्होंने चंडीगढ़ को हरित ऊर्जा की राजधानी बनाने के प्रयासों की सराहना की वहीँ इस मौके पर CREST, CPDL और नगर निगम चंडीगढ़ के अधिकारीगण भी मौजूद थे ।आपको बता दें ,अब तक CREST ने चंडीगढ़ में कुल 89.689 मेगावाट क्षमता के सोलर पावर प्लांट्स स्थापित किए हैं।यह परियोजना न केवल पर्यावरण के लिए लाभकारी है, बल्कि यह जल संरक्षण, ऊर्जा आत्मनिर्भरता और जलवायु परिवर्तन एक्शन प्लान के लक्ष्यों को पूरा करने में भी अपना अहम योगदान देगी। हालाँकि फ्लोटिंग सोलर-प्लांट का कितना उपयोग होता है और इसकी परियोजना और कहाँ – स्थापित होती है यह भी आगे देखना होगा।