गुरु पूर्णिमा पर दो छात्रों ने प्रिंसिपल को उतारा मौत के घाट-
मामला नारनौंद के बांस गांव करतार करतार मेमोरियल स्कूल का है-
प्रिंसिपल की चाकू मारकर हत्या कर दी और फरार हो गए-
प्रिंसिपल का नाम जगबीर पानू है-
एसपी ने कहा है कि दोनों आरोपी को जल्द से जल्द पकड़ लिया जायेगा –
ब्यूरो रिपोर्ट हिसार
गुरु पुर्णिमा के अवसर पर पूरे भारत में गुरु की पूजा की जा रही थी वहीँ हरियाण के हिसार ज़िले में एक बेहद शर्मनाक घटना घाटी जहाँ हिसार जिले के नारनौंद में गुरु पूर्णिमा के दिन ही दो शिष्यों ने अपने ही स्कूल के प्रिंसिपल की चाकू मारकर हत्या कर दी और फरार हो गए।
मामला नारनौंद के बांस गांव करतार करतार मेमोरियल स्कूल का है और प्रिंसिपल का नाम जगबीर पानू है।जानकारी के अनुसार प्रिंसिपल अक्सर बच्चों को कॉउन्सिल करते रहते थे जैसे बल कटवा लो,शर्ट अंदर कर लो इत्यादि।स्कूल के अध्यापकों ने घटना के बाद बताया कि दोनों छात्रों को बार-बार अनुशासन के लिए टोका जाता था। बड़े बाल कटवाने और धूम्रपान को लेकर दोनों की काफी शिकायतें थीं।इसके कारण दोनों छात्रों ने गुस्से में आकर क्लास में घुसकर चाकू से उनपर ताबरतोड़ हमला कर दिया और फरार हो गए जिसके बाद स्कूल में हड़कंप मच गया और स्कूल स्टाफ और शिक्षको ने प्रिंसिपल को आनन – फानन में अस्पताल पहुंचाया गया जहाँ उन्हें मृत घोषित कर दिया गया । घटना को अंजाम देकर दोनों छात्र फरार हो गए। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और जाँच शुरू की और जाँच के दौरान पुलिस ने दोनों छात्रों के स्कूल में रखे हुए बैगों की तलाशी ली तो उनमें से एक छात्र के बैग में मोबाइल फोन और 2 एनर्जी ड्रिंक मिले।हालाँकि दोनों छात्र नाबालिक बताए जा रहे हैं और बारहवीं के छात्र हैं और दोनों पुट्टी गांव के रहनेवाले हैं । घटना के बाद पुलिस मामले की जाँच कर रही है और हत्या करने वाले छात्रों की धरपकड़ के प्रयास तेज कर दिए हैं।वहीँ हांसी एसपी यशवर्द्धन का कहना है कि दोनों छात्र किसी गैंग से जुड़े हो सकते हैं। क्योंकि हत्या करने के बाद छात्रों ने इंस्टाग्राम पर स्टेटस लगाकर 10 लाख रुपए की डिमांड और प्रिंसिपल के बेटे को जान से मारने की धमकी दी थी।एसपी ने कहा है कि मामले कि हर एंगल से जाँच की जा रही है और दोनों आरोपी को जल्द से जल्द पकड़ लिया जायेगा ।
इस घटना के बाद इस बात पर गौर करना चाहिए कि स्कूलों में आजकल शिक्षा तो दी जा रही है लेकिन भारतीय संस्कृति और सभ्यता को छोड़कर पश्चिमी शिक्षा पद्धति को अपनाया जा रहा है और बहुत गौरवान्वित भी महसूस किया जाता है लेकिन ये भूल गए हैं कि नैतिक शिक्षा बिना पढ़ाई का कोई मूल्य नहीं है नैतिक शिक्षा बच्चों को दी जानी चाहिए और इसे प्राथमिक्ता दी जानी चाहिए ।हालाँकि इसका उत्तरदायित्व स्कूल के साथ-साथ पेरेंट्स का भी बनता है।