पंजाब और हरियाणा के बीच सतलुज-यमुना लिंक (SYL) नहर को लेकर दिल्ली में अहम बैठक हो रही है-
नए जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल की मध्यस्थता में यह उनकी पहली मीटिंग होगी-
इस मुद्दे पर हो चुकी यह चौथी बैठक है-
सतलुज-यमुना लिंक (SYL) नहर को लेकर हरियाणा और पंजाब दोनों राज्यों के बीच दिल्ली में आज एक अहम बैठक होने जा रही है जिसमे पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान,हरियाणा के सीएम सैनी और जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल तथा अन्य प्रमुख मंत्रियों के साथ यह बैठक होगी।नए जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल की मध्यस्थता में यह उनकी पहली मीटिंग होगी। यह बैठक इस मुद्दे पर हो चुकी चौथी बैठक है।लेकिन इससे पहले की जो भी बैठकें हुई वह बेनतीज़ा रही और इस मुद्दे का कोई हल नहीं निकला।यहाँ तक कि सुप्रीम कोर्ट ने भी दोनों राज्यों को आपसी सहमति से समाधान निकालने को कहा हुआ है।
दरअसल मामला यह है कि हरियाणा का 212 किलोमीटर लंबी इस नहर में लगभग 92 किलोमीटर हिस्सा बन चुका है,जबकि पंजाब के 122 किलोमीटर हिस्से का निर्माण अब तक अधूरा है।जिसको लेकर सुप्रीम कोर्ट ने जनवरी वर्ष 2002 में हरियाणा के पक्ष में फैसला सुनाया था और पंजाब को नहर निर्माण का आदेश दिया था, लेकिन वर्ष 2004 में पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने विधानसभा में कानून पास कर 1981 के समझौते को रद्द कर दिया था।इस मुद्दे पर पंजाब और हरियाणा राज्य के मुख्यमन्त्री की पहली मीटिंग 18 अगस्त 2020 को हुई थी,और फिर दो बार और मीटिंग हुई लेकिन कोई सोल्युशन नहीं निकला। इस मामले में पंजाब सरकार ने साफ तौर पर कहा है कि हमारे पास पानी बिल्कुल नहीं है और हम पानी देने में असमर्थ हैं।वहीँ इस मीटिंग से पहले SYL मुद्दे को लेकर हरियाणा में हुड्डा ने कहा है कि सरकार इसके लिए अवमानना याचिका दायर करे तो वहीँ इनेलो विधायक अर्जुन चौटाला ने कहा कि होश में आएं मान सरकार।पानी एक प्राकृतिक संसाधन है जिस पर पूरे देश का अधिकार होता है। फ़िलहाल अभी तक दोनों राज्य अपनी बातों को लेकर अड़े हैं ऐसे में आज होनेवाली मीटिंग पर सबकी नज़र है क्यूंकि केंद्र सरकार की मध्यस्थता से कोई नया रास्ता निकल आये क्यूंकि सुप्रीम कोर्ट ने साफ तौर पर इसका निपटारा जल्द से जल्द करने को कहा है।