हरियाणा में स्वास्थ्य विभाग की ओर से गर्भवती महिलाओं को नोटिस जारी किए गए –
समयानुसार गर्भावस्था का रजिस्ट्रेशन नहीं कराने पर भेजा गया नोटिस –
गर्भवती होने के बाद 10 सप्ताह के भीतर अपनी गर्भावस्था का रजिस्ट्रेशन करना अनिवार्य है-
विभाग का कहना है कि इसका सीधा असर लिंगानुपात पर पड़ता है –
ब्यूरो रिपोर्ट चंडीगढ़
हरियाणा में स्वास्थ्य विभाग की ओर से गर्भवती महिलाओं को नोटिस जारी किए गए हैं। नोटिस जारी करने के पीछे कारण है कि इन महिलाओं ने अपनी गर्भावस्था का रजिस्ट्रेशन नहीं कराया।नियमानुसार, गर्भवती होने के बाद 10 सप्ताह के भीतर अपनी गर्भावस्था का रजिस्ट्रेशन करना अनिवार्य है।विभाग का कहना है कि इसका सीधा असर लिंगानुपात पर पड़ता है इसलिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से नोटिस जारी किए गए हैं।।हरियाणा के स्वास्थ्य विभाग ने ऐसे 481 गांवों की पहचान की है, जिनका लिंगानुपात 700 से कम है और इनमें यमुनानगर और अंबाला के 107 गांव शामिल हैं।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कम लिंगानुपात वाले जिले से तकरीबन 1700 गर्भवती महिलाओं को नोटिस जारी करके रजिस्ट्रेशन न कराने का कारण पूछा है और साथ ही हेल्थ विभाग के लोकल कर्मियों को इन महिलाओं पर नजर रखने को कहा है।स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार,हर गर्भवती महिला को गर्भधारण के 10 सप्ताह के भीतर अपना नाम एएनएम कार्यकर्ताओं के पास पंजीकृत करवाना अनिवार्य होगा।इसके अलावा एएनएम को भी लापरवाही के लिए नोटिस जारी किए गए, क्योंकि वे गर्भवती महिलाओं का समय पर पंजीकरण सुनिश्चित करने में विफल रहीं। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि जिन महिलाओं को नोटिस भेजा गया है, उन्हें वैध स्पष्टीकरण के साथ सिविल सर्जन के कार्यालय में रिपोर्ट करना होगा। ऐसा न करने पर आगे की प्रशासनिक कार्रवाई हो सकती है।दरअसल हरियाणा का लिंगानुपात 910 है ,जिसका मतलब है 1000 पुरुषो पर 910 महिलाएं हैं। हरियाणा में लिंगानुपात में सुधार के लिए बेटी पढ़ाओ -बेटी बचाओ जैसी योजनाएं चलाई जा रही हैं लेकिन अभी भी यह राष्ट्रीय औसत से कम है। दूसरी बात यह भी ध्यान देने योग्य है कि गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिलाओं क्या नोटिस भेजना जायज़ है ?