मौसम:पंजाब और हरियाणा में रडार की संख्या बढ़ाने को लेकर सरकारों में चर्चा चल रही है। कुछ वह लगाएंगे और कुछ मौसम केंद्र की तरफ से स्थापित किए जाएंगे। रडार की संख्या बढ़ने से ज्यादा सटीकता के साथ भविष्यवाणी की जा सकेगी। इसका लाभ किसानों को और आम इंसान को भी मिलेगा और सरकारों के पॉलिसी मेकर्स को भी मिलेगा।मौसम हर इंसान के जीवन पर गहरा असर डालता है। किसी भी मौसमी घटना से पहले उसकी जानकारी लोगों तक, उनकी भाषा में पहुंचाना बड़ी चुनौती है। मौसम केंद्र कई प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहा है, जो मौसम की जानकारी लेने का तरीका बदल देंगे।
किसान, पॉलिसी मेकर और आम नागरिकों तक मौसम की सटीक जानकारी पहुंचाने के लिए पंजाब और हरियाणा में कई रडार लगाने का फैसला किया गया है। अपडेट भी लोगों को लोकेशन आधारित और कई भाषाओं में मिलेंगे।
एआई का प्रयोग भी किया जाएगा शुरू
आईएमडी व चंडीगढ़ सहित सभी क्षेत्रीय कार्यालय मौसम निगरानी में व्यापक स्तर पर टेक्नोलॉजी का प्रयोग कर रहे हैं। सटीक मौसम पूर्वानुमान से लोगों के जीवन में सुधार आएगा और वे प्राकृतिक आपदाओं से बेहतर ढंग से निपट सकेंगे। आने वाले समय में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का प्रयोग भी शुरू किया जाएगा। भारत सरकार ने मिशन मौसम की शुरुआत की है।
रडार की संख्या बढ़ने से मिलेगी सटीक जानकारी
चंडीगढ़ मौसम केंद्र के निदेशक सुरेंदर पाल ने बताया कि मिशन मौसम का प्राथमिक लक्ष्य मौसम की घटनाओं और जलवायु से संबंधित चुनौतियों का पूर्वानुमान लगाने और उनका जवाब देने की देश की क्षमता को बढ़ाना है। मार्च 2026 तक बेहतर निगरानी के लिए रडार, विंड प्रोफाइलर और रेडियोमीटर के बड़े नेटवर्क की स्थापना की जाएगी।
उन्होंने बताया कि मिशन मौसम को भारत मौसम विज्ञान विभाग, एनसीएम आरडब्ल्यूए और भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान मुख्य रूप से लागू करेंगे।
चंडीगढ़ के अंदर कहां बारिश होगी और , कहां नहीं…इसकी भी जानकारी मिलेगी
सुरेन्द्र पाल जी ने बताया कि ग्लोबल वॉर्मिंग व अन्य कई कारणों की वजह से मौसम के पैटर्न में बदलाव आया है। देखा जा रहा है कि चंडीगढ़ जैसे छोटे शहर में भी एक सेक्टर में बारिश होती है लेकिन उसके पास में मौजूद अगला सेक्टर सूखा पड़ा रहता है। वर्तमान में लोकेशन आधारित मौसम की भविष्यवाणी नहीं की जा सकती, इसलिए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके इसमें सुधार करने की कोशिश की जा रही है।
वर्तमान में 12 किलोमीटर के रेडियस के लिए भविष्यवाणी की जाती है। आने वाले समय में लोकेशन आधारित भविष्यवाणी जारी की जा सकेगी। उदाहरण के लिए पूरे शहर में अगर बारिश सिर्फ सुखना लेक की तरफ होने वाली होगी, तो भविष्यवाणी में बताया जाएगा कि बारिश सुखना लेक और उसके आसपास के कुछ इलाके में होगी। अभी पूरे शहर के लिए बताया जाता है।
मौसम जीपीटी पर भी चल रहा काम
वर्तमान में हर 6 घंटे और 3 घंटे में मौसम के लिए नावकास्ट जारी किया जाता है, जिसमें तापमान और बारिश आदि की जानकारी दी जाती है। मौसम केंद्र की कोशिश है कि ज्यादा सटीकता के साथ इसे हर घंटे जारी किया जाए ताकि लोग जागरूक हो सकें। इसका फायदा कई स्तर पर होगा।लेकिन लोग घर से निकलने से पहले मौसम की जानकारी देखकर निकल सकेंगे। साथ ही किसानों को भी बहुत फायदा होगा।
उन्होंने बताया कि आईएमडी एआई के इस्तेमाल पर भी व्यापक स्तर पर काम कर रहा है। उन्होंने मौसम जीपीटी के बारे में बताया। कहा है कि यह एक अत्याधुनिक प्रणाली है, जिसे टेक्स्ट और ऑडियो दोनों रूपों में त्वरित और विश्वसनीय मौसम संबंधीत जानकारी प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया है। इसे अगले कुछ वर्षों में शुरू किया जाएगा। साथ ही हिंदी, अंग्रेजी और पंजाबी के साथ अन्य कई भाषाओं में भी मौसम की जानकारी लोगों तक पहुंचाई जाएगी इसको लेकर कार्य जारी है ।