बैंक खाते में पैसे की सुरक्षा को लेकर लोगो के सवाल उठने लगे हैं। दरअसल साइबर ठगों ने बैंकिंग प्रणाली में सेंध लगाई है। गुरुग्राम शहर में छह माह में 18 बैंक अधिकारियों-कर्मचारियों को साइबर ठगों की मिलीभगत में गिरफ्तार किया गया है। बैंक कर्मचारी श्रमिकों के नाम पर खाते खोलकर साइबर ठगों को बेचते थे।
आरबीआई ने खाता खोलने के नियमो को सख्त किया हैं। गुरुग्राम।
साइबर ठगों ने सुरक्षित माने जाने वाले बैंकिंग प्रणाली में ही सेंध लगा रखी थी |छह महीने में अब तक साइबर पुलिस ने अलग-अलग बैंकों से 18 अधिकारियों-कर्मचारियों को साइबर ठगों से मिलीभगत में पकड़ा है। बैंक कर्मचारियों की गिरफ्तारी का सिलसिला थमने का नाम ही नहीं ले रहा था | एक के बाद एक बैंक अधिकारियों के पकड़े जाने के बाद अब एक यह भी सवाल उठ रहा था की साइबर ठगों का नेटवर्क आखिर कितना बड़ा होगा । साइबर ठगी के मामले में जांच के दौरान सबसे पहली बार 26 फरवरी को कोटक महिंद्रा बैंक के तीन अधिकारियों का नाम सामने आया। इसमें एमजी रोड शाखा के बैंक अधिकारी मोहित राठी, महेश वह विश्वकर्मा मौर्या इन तीनो को गिरफ्तार किया गया ।
हर खाते के बदले मिलते थे 20 से 25 हजार रूपए
ये आरोपित बिलासपुर विकास स्थित कंपनियों में काम करने वाले श्रमिकों के नाम से खाते खोलते थे और मेवात के एक अन्य किसी आरोपित के माध्यम से साइबर ठगों को खाता बेचते थे। हर खाते के इन्हें 20 से 25 हजार मिलते थे। पहली बार जब बैंक अधिकारियों की साइबर ठगों से संलिप्ता सामने आने के बाद साइबर पुलिस और बैंक के महकमे में काफी खलबली मची।साइबर ठगी के मामलों में लगातार बैंक अधिकारियों की गिरफ्तारी हो रही है।
(प्रतीकात्मक तस्वीर) भी