वकील के पिता के साथ हुई लड़ाई ने कराई अदालत की स्ट्राइक-
सोहना बार एसोसिएशन में चल रही दो दिन से स्ट्राइक-
पुलिस की कार्य प्रणाली से नाराज है”वकील ओर धाराएं जोड़ने की कर रहे मांग-
पुलिस ने दोनों पक्षों के खिलाफ किया है मुकदमा दर्ज-
बार एसोसिएशन ने दी तीसरे दिन हरियाणा में हड़ताल करने की चेतावनी-
सोहना,हरियाणा वरदान संवादददाता।
सोहना नगर परिषद के गांव साँप की नगली के रहने वाले दो पक्षों के बीच हुआ झगड़ा अब सोहना बार एसोसिएशन की नाक का सवाल बन गया है,बतादे की जिन लोगो ने झगड़ा किया है उनमें से एक बीजेपी जिला उपाध्यक्ष का बेटा है शामिल बताया जा रहा है।अगर हम बीजेपी उपाध्यक्ष की माने तो जो झगड़ा हुआ है वह पैसे के लेन देन को लेकर हुआ है,ओर दूसरे पक्ष के लोगो ने भी झगड़े के बाद उनके घर जाकर झगड़ा करने की कोशिश की थी,जिसकी शिकायत दोनों पक्षो द्वारा पुलिस थाना में दी गई और पुलिस ने दोनों पक्षों की शिकायत पर मुकदमा दर्ज कर दिया..लेकिन दूसरे पक्ष का बेटा वकील है जिसने बार एसोसिएशन को गलत जानकारी देकर दो दिन से हड़ताल की हुई है जो कि जबरन झूठी धाराएं लगाने का दबाब बना रहे है।
अगर हम इस मामले में दूसरे पक्ष की माने तो उनका कहना है कि पुलिस दबाब में काम कर रही है,ओर एक दिन बाद पुलिस ने दोनों पक्षो के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दिया।जबकि दूसरे पक्ष ने जो आरोप लगाए है वह आरोप बिलकुल गलत ओर निराधार है जबकि हमारे पास मार पीट करने का सीसीटीवी वीडियो भी है।लेकिन उसके बाद भी पुलिस मामले में उचित धाराएं नही लगा रही है।
बतादे की एडवोकेट के पिता के साथ हुए झगड़े को लेकर जहॉ बार एसोसिएशन ने 24 अक्टूबर को सोहना अदालत में वर्क सस्पेंड किया था वही 25 अक्टूबर को जिला की सभी अदालतों में वर्क सस्पेंड रखा गया,सोहना बार एसोसिएशन के प्रधान ने पुलिस प्रशाशन को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर पुलिस द्वारा वकील के परिजनों पर दर्ज किए गए मुकदमे को कैंसिल नही किया जाता है और वकील के परिजनों द्वारा दी गई शिकायत में अन्य धाराएं नही जोड़ी जाती है तो 26 अक्टूबर को हरियाणा की तमाम अदालतों में वर्क सस्पेंड किया जाएगा।
इस मामले को लेकर जहॉ एक तरफ अदालत में दो दिन से किए जा रहे वर्क सस्पेंड को लेकर अदालती काम के लिए आने वाले लोगो को भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा है।वही दूसरी तरफ यह झगड़ा पुलिस के लिए भी साँप व छछूदर वाली कहावत बन गया है क्योकि पुलिस या तो मुकदमे में अन्य धाराएं जोड़े ओर दूसरे पक्ष के मुकदमे को खारिज रद्द करे और अगर ऐसा नही करती है तो वकील हड़ताल खत्म नही करेगे।लेकिन देखना इस बात का होगा कि पुलिस द्वारा इस मामले में आगामी कार्यवाही क्या अमल में लाई जाती है।