पहलगाम हमले में राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी को मिली बड़ी कामयाबी –
हमले में शामिल आतंकियों को पनाह देने वाले दो लोगों को गिरफ्तार किया-
आरोपियों के नाम परवेज अहमद और बशीर अहमद है-
दोनों पहलगाम के रहने वाले हैं-
पाकिस्तान नागरिक थे तीनों आतंकी-
सोहना से पूजा त्रिपाठी की रिपोर्ट –
22 अप्रैल को हुए पहलगाम हमले में राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी यानि (NIA) को बड़ी कामयाबी मिली है जिसके तहत एजेंसी ने आज रविवार को पहलगाम हमले में शामिल आतंकियों को पनाह देने वाले दो लोगों को गिरफ्तार किया है और इन दोनों आरोपियों के नाम परवेज अहमद और बशीर अहमद है।
जांच एजेंसी ने अपने बयान में जानकारी दी कि ये दोनों पहलगाम के रहने वाले हैं और पहलगाम के बटकोट के परवेज अहमद जोथर और पहलगाम के हिल पार्क के रहनेवाले बशीर अहमद जोथर ने हमले में शामिल 3 आतंकवादियों की पहचान का खुलासा किया है। दोनों ने ये भी जानकारी दी कि पहलगाम हमले में शामिल आतंकी, लश्कर ए तैयबा से जुड़े पाकिस्तानी नागरिक थे।
आपको बता दे कि 22 अप्रैल को पहलगाम हुए आतंकी हमले में 16 लोग मारे गए थे। वहीँ जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग के पहलगाम में आतंकियों ने 22 अप्रैल को भयानक हमले को अंजाम दिया था, हमले में 26 निर्दोष पर्यटक मारे गए थे जबकि 16 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए थे।भारत की ओर से प्रतिशोध के रूप में ऑपरेशन सिन्दूर चलाया गया था जिसमे पाकिस्तान के कई आतंकवादी संगठनों को निशान बनाकर नष्ट किया गया था।
एनआईए के अनुसार, पहलगाम के परवेज अहमद जोथर और बशीर अहमद जोथर ने हमले में शामिल तीन सशस्त्र आतंकवादियों की पहचान का खुलासा किया है और यह भी पुष्टि की है कि वे प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) से जुड़े पाकिस्तानी नागरिक थे।
एनआईए की जांच के अनुसार, परवेज और बशीर ने हमले से पहले हिल पार्क में तीन हथियारबंद आतंकवादियों को जानबूझकर शरण दी थी। दोनों लोगों ने आतंकवादियों को भोजन, आश्रय और रसद सहायता प्रदान की थी, जिन्होंने पहलगाम में धर्म की पहचान के आधार पर पर्यटकों को चुन-चुन कर मार डाला था।यह अब तक का सबसे बड़ा आतंकवादी हमला था। एनआईए ने गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम, 1967 की धारा 19 के तहत दोनों को गिरफ्तार किया है। 22 अप्रैल 2025 को दुनिया को हिला देने वाले हमले के बाद दर्ज किए गए मामले की आगे की जांच कर रही है और जांच जारी है जिसके बाद पूरे हमले के षड्यंत्र की जानकारी सामने आएगी।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर आतंकी हमले की निंदा करते हुए 17 जून को वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) ने कहा था कि बिना पैसों के यह हमला संभव नहीं और मामले की गभीरता को देखते हुए एफएटीएफ ने राज्य प्रायोजित आतंकवाद के वित्तपोषण की जांच को और सख्त करने की बात की थी । साथ ही कहा कि वह आतंकी फंडिंग से निपटने के लिए देशों के उठाए गए कदमों पर गौर करेगा और जल्द ही राज्य प्रायोजित आतंकवाद समेत आतंकी वित्तपोषण मामलों पर रिपोर्ट जारी करेगा।एफएटीएफ का यह बयान ऐसे वक्त आया जब भारतीय अधिकारियों ने पाकिस्तान के आतंकवाद को लगातार समर्थन दिए जाने और हथियारों की खरीद के लिए बहुपक्षीय धनराशि उपलब्ध कराए जाने को उजागर किया है। सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान की ऐसी कार्रवाई के कारण उसे एफएटीएफ की ‘ग्रे लिस्ट’ में डाल दिया जाना चाहिए।
भारत लगातार यह कहता रहा है कि पाकिस्तान ने नामित आतंकवादियों को सुरक्षित पनाहगाह दी है और यह बात तब स्पष्ट हुई जब 7 मई को भारतीय सैन्य हमलों में मारे गए आतंकवादियों के अंतिम संस्कार में वरिष्ठ सैन्य अधिकारी मौजूद थे। 25 अगस्त को एफएटीएफ के एशिया प्रशांत समूह (एपीजी) की अगली बैठक और 20 अक्तूबर को एफएटीएफ की अगली पूर्ण और कार्य समूह बैठक से पहले, भारत एफएटीएफ को एक डोजियर सौंपेगा। इसमें बताया जाएगा कि कैसे पाकिस्तान ने एफएटीएफ के नियमों का उल्लंघन किया है।फएटीएफ की एशिया में 25 अगस्त की बैठक से पहले भारत डोजियर सौंपेगा।