गुरुग्राम, फरीदाबाद व सोनीपत में नवंबर से 10 – 15 साल पुराने वाहनों को नहीं मिलेगा ईंधन-
10 साल से पुराने डीजल और 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहनों को ईंधन नहीं मिलेगा-
यह प्रतिबंध एक अप्रैल 2026 तक एनसीआर के सभी 14 जिलों में लागू हो जाएगा-
मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की गयी-
पुरानी गाड़ियों,प्रदूषण और ट्रैफिक समस्या पर विस्तृत रणनीति –
382 बीएस-6 बसें बेड़े में शामिल होंगी-
फरीदाबाद, गुरुग्राम, रेवाड़ी और झज्जर जिले में गुणवत्ता निगरानी केंद्र स्थापित किए जाएंगे-
अप्रैल 2026 तक एनसीआर के बचे हुए जिलों में भी लागू होगा यह प्रतिबंध-
सोहना से पूजा त्रिपाठी की रिपोर्ट
दिल्ली में 15 साल पुराने गाड़ियों पर प्रतिबन्ध लगाने पर नया नियम लागू करने पर पहल करने के बाद अब हरियाणा में भी नया नियम लागू होने जा रहा है जिसके तहत 1 नवंबर से गुरुग्राम, फरीदाबाद और सोनीपत जिलों में 10 साल से पुराने डीजल और 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहनों को ईंधन नहीं मिलेगा और यह प्रतिबंध एक अप्रैल 2026 तक एनसीआर के सभी 14 जिलों में लागू हो जाएगा ऐसा माना जा रहा है ।
इसके लिए मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी की अध्यक्षता में सोमवार को एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की गयी जिसमें पुरानी गाड़ियों,प्रदूषण और ट्रैफिक समस्या विस्तृत रणनीति बनाने के साथ-साथ इसकी समय-सीमा भी तय की गई।बैठक में बताया गया कि हरियाणा और दिल्ली के बीच बेहतर कनेक्टिविटी को बढ़ाने के लिए अक्तूबर के अंत तक 382 बीएस-छह बसें बेड़े में शामिल की जाएंगी और साथ ही एक नवंबर 2026 से पर्यटक बसों और विशेष परमिट वाले वाहनों समेत दिल्ली में प्रवेश करने वाली सभी बसें ईवी, सीएनजी, बीएस-छह मोड में संचालित होगी। वहीं, प्रदेश में निर्माण और विध्वंस मलबे के प्रबंधन और सड़क के धूल को कम करने में तेजी लाई जाएगी। गुरुग्राम में सीएंडडी सुविधा स्थापित होनी है जिसके लिए सड़क-स्वामित्व वाली सभी एजेंसियों को वर्ष 2025-26 के लिए गुरुग्राम और फरीदाबाद में कम से कम एक मॉडल स्ट्रेच विकसित करने के निर्देश दिए गए हैं।इसके साथ ही इस नियम को लागू करने के लिए सभी फ्यूल स्टेशनों पर ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकाॅग्निशन कैमरे लगाए जाएंगे जहाँ पहले चरण में ये कैमरे गुरुग्राम, सोनीपत और फरीदाबाद में 31 अक्टूबर तक लगा दिए जाएंगे और शेष 11 जिलों में 31 मार्च 2026 तक यह काम पूरा होगा।इसके साथ ही वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के निर्देशानुसार ,प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को चरणबद्ध तरीके से हटाने और निर्माण कार्यों से उठने वाली धूल का प्रबंधन करने के लिए एक महत्वाकांक्षी रोडमैप पेश किया है।
जबकि हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड फरीदाबाद, गुरुग्राम, रेवाड़ी और झज्जर जिलों में 10 वायु गुणवत्ता निगरानी केंद्र स्थापित करेगा। इसके लिए हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण द्वारा निविदा प्रक्रिया शुरू की गई है। वर्ष 2028 की तय समय-सीमा के बजाय 2026 तक ईंट भट्टों में धान की पराली आधारित बायोमास पेलेट्स, ईंट की 50 फीसदी अनिवार्य को-फायरिंग के लक्ष्य को हासिल करने का लक्ष्य है।हालांकि पुराने वाहनों पर प्रतिबंध को लेकर काफी समय से सरकार द्वारा विचार किया जा रहा है लेकिन इस बार पुराने वाहनों को डीज़ल और पेट्रोल पर प्रतिबन्ध लगाने वाले नियम कितने सफल होते है यह तभी पता चल पायेगा जब इस नियम को सरकार द्वारा अमल में लाया जायेगा।हालाँकि यह भी बात विचारणीय है कि इन वाहनों के जो मालिक हैं उनका क्या होगा जो इन वाहनों से अपना गुज़ारा करते हैं और खासकर मध्यम वर्गीय फैमिली इस नए नियम से कहीं न कहीं आहत होगी, इस बारे में भी सरकार को विकल्प देना चाहिए।