कुमारी शैलजा और पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा दोनों ही हरियाणा में सीएम पद के दावेदार माने जा रहे हैं। भूपेंद्र हुड्डा हरियाणा के प्रमुख जाट नेता हैं और बीते कई वर्षों से वह हरियाणा में कांग्रेस का मुख्य चेहरा रहे हैं।
हरियाणा विधानसभा 2024 चुनाव नतीजों के रुझानों में भाजपा को बहुमत मिल गया है। ताजा आंकड़ों में भाजपा 49 सीटों पर आगे चल रही है, वहीं कांग्रेस 35 सीटों के साथ पिछड़ती नज़र आ रही है। हालांकि अभी अंतिम नतीजों के बाद ही सही स्थिति का आंकलन हो सकेगा, लेकिन मौजूदा स्थिति के आधार पर कांग्रेस के खराब प्रदर्शन के कारणों की चर्चा गलियारों में शुरू हो गई है। कांग्रेस के खराब प्रदर्शन के पीछे जो सबसे बड़ी वजह सामने आ रही हैं, उनमें से एक वजह राज्य में पार्टी के चेहरे पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा और पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी शैलजा के बीच के मतभेद भी मानी जा रही हैं।
हरियाणा में भूपेंद्र हुड्डा और कुमारी शैलजा सीएम पद के दावेदार की रेस में सबसे आगे थे। यही वजह है कि दोनों नेताओं के बीच खटपट की खबरें अक्सर सुर्खियां बन जाती है। पिछले विधानसभा चुनाव में भी भूपेंद्र हुड्डा का चेहरा ही सबसे आगे था, लेकिन उसमें कांग्रेस को बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा था। यही वजह है कि इस बार चुनाव में कांग्रेस के प्रमुख चेहरों में भूपेंद्र हुड्डा शामिल तो हैं, लेकिन पार्टी ने अन्य नेता भी सीएम पद की रेस में बने लगातार बने हुए हैं, और इनमें सबसे प्रमुख चेहरा कुमारी शैलजा का है। कुमारी शैलजा हरियाणा में दलित राजनीति का प्रमुख चेहरा हैं। साथ ही वह पांच बार सांसद रह चुकी हैं और कांग्रेस सरकार में केंद्रीय मंत्री भी रह चुकी हैं।
कुमारी शैलजा ने चुनाव प्रचार-प्रसार के दौरान ऐसे संकेत दिए थे कि उनका नाम उन नेताओं में शामिल हैं, जिनके नाम पर पार्टी सीएम पद के लिए विचार कर सकता है। मतगणना से पहले कुमारी शैलजा ने पार्टी आलाकमान से मीटिंग भी की थी। वहीं कुमारी शैलजा के सीएम पद पर दावे को लेकर भूपेंद्र हुड्डा ने कहा था ‘लोकतंत्र में हर किसी का सीएम पद पर अधिकार है, लेकिन सीएम चुने जाने की एक प्रक्रिया है, जिसमें विधायक अपना विचार देते हैं। उसके बाद पार्टी आलाकमान तय करता है।