अवैध रूप से निर्माण किए गए डेढ़ दर्जन फार्म हाउसों को किया ध्वस्त-
NGT के आदेशों को दर किनार कर निर्माण किए गए थे अलीशान फार्म हाउस-
आधा दर्जन जेसीबी मसीनों की मदद से दो दिन तक चला अभियान-
नगर परिषद की अवैध फार्म हाउस मालिको को चेतावनी सभी को किया जाएगा ध्वस्त-
सोहना,हरियाणा वरदान संवाददाता।
सोहना नगर परिषद के अधीन आने वाली रायसीना की अरावली पहाड़ी पर अवैध रूप से निर्माण किए गए फार्म हाउसों पर कई माह के बाद नगर परिषद प्रशासन द्वारा ड्यूटी मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में आधा दर्जन जेसीबी मसीनो की मदद से दो दिवसीय तोड़ फोड़ अभियान चलाया गया।जिस अभियान के दौरान करीब डेढ़ दर्जन फार्म हाउसों को ध्वस्त किया गया।हालांकि अभी बहुत ऐसे अवैध रूप से निर्माण किए गए फार्म हाउस बाकी है। जिनको नगर परिषद समय के अभाव के चलते ध्वस्त नही कर सकी,लेकिन नगर परिषद के अधिकारियो कि माने तो किसी भी अवैध निर्माण को नही छोड़ा जाएगा सभी को ध्वस्त किया जाएगा।
अगर हम नगर परिषद के एक्सीयन अजय पंघाल की माने तो अरावली पहाड़ी पर अवैध निर्माण होने से जहॉ एक तरफ जंगली जानवरों के लिए स्थान नही बचा है और वो नीचे रिहायसी इलाके में आने लगे है।वही दूसरी तरफ फार्म हाउस मालिक एनजीटी के आदेशों की भी अवेहना कर रहे है।हालांकि फिलहाल नगर परिषद के अधिकारियों ने अवैध रूप से निर्माण करने वाले फार्म हाउस मालिको को चेताते हुए कहा है कि अरावली की पहाड़ी पर बने किसी भी फार्म को बख्शा नही जाएगा सभी को ध्वस्त किया जाएगा।लेकिन देखना इस बात का होगा कि नगर परिषद के अधिकारियों की कथनी और करनी में कोई फर्क तो नही दिखता है।
बतादें की रायसीना की अरावली पहाड़ी पर करीब साढ़े तीन सौ फार्म हाउसों का अवैध निर्माण नगर परिषद,वन विभाग व खनन विभाग के अधिकारियों के साथ मिली भगत करके किया हुआ है।जिनमे से अधिकतर फार्म हाउस मालिको ने अदालत से तोड़ फोड़ करने पर सटे आर्डर लिया हुआ है, इसके अलावा कुछ फार्म का निर्माण चल रहा है जिनको नगर परिषद द्वारा ध्वस्त किया जा रहा है।लेकिन नगर परिषद द्वारा जिन फार्म हाउसों को ध्वस्त किया गया है वह मात्र ऊट के मुंह मे जीरे के बराबर है। अरावली पहाड़ी पर जहॉ एक तरफ ट्रस्ट की जमीन में अवैध रूप से खनन करके व हरे पेड़ो को काट कर फार्म हाउस काटे जा रहे है तो वही अन्य कई स्थानों पर सरेआम फार्म हाउसों का निर्माण किया जा रहा है।जिनको ना तो नगर परिषद द्वारा अभी तक नोटिस जारी किए गए है और ना ही तोड़ फोड़ की कार्यवाही के लिए कोई रणनीति तैयार की गई है।अब इसे नगर परिषद के अधिकारियों पर राजनीतिक दबाब कहे या फिर अवैध फार्म हाउस मालिको के साथ मिली भगत कहे।