इनेलो के प्रदेश अध्यक्ष रहे नफे सिंह राठी हत्याकांड में गोवा से दो शूटरों की गिरफ्तारी के पीछे एक वाट्सएप कॉल ही अहम कड़ी बनी है। इसी कॉल के जरिये हरियाणा व दिल्ली पुलिस गोवा में पहुंची थी।
इस कॉल से पहले तो पुलिस शूटरों के पास जो एक मोबाइल नंबर था, उसी से उनका पीछा कर रही थी लेकिन उसकी अंतिम लोकेशन मुंबई में ही मिली। इसके बाद से संपर्क टूट गया था।
वाट्सएप कॉल से पता चला लोकेशन
अगर शूटरों में से एक के भाई के पास वह वाट्सएप कॉल न आती तो पुलिस को उनकी लोकेशन पता ही नहीं चलती। सीबीआई की ओर से दाखिल पहली चार्जशीट में इस कहानी का विस्तार से जिक्र है। इसमें बताया गया कि शूटरों में शामिल अतुल व नकुल तो टैक्सी लेकर बहादुरगढ़ पहुंचे थे।
उन्होंने ऑनलाइन टैक्सी बुक की थी। उनके पास जो नंबर था, वह पुलिस को तब पता लगा जब बराही गांव के पास सीसीटीवी फुटेज में आई-20 कार में सवार एक शूटर मोबाइल पर बात करते हुए नजर आया था।
पुलिस ने इस तरह से किया ट्रेस
यहीं से पुलिस ने वह नंबर ट्रेस किया। फिर पुलिस ने उसकी लोकेशन पता लगाई तो वह केएमपी के रास्ते रेवाड़ी तक की मिली। केएमपी टोल व अन्य जगहों पर सीसीटीवी फुटेज चेक की तो उसमें शूटरों की कार भी नजर आई। इससे पुलिस को यकीन हो गया कि वह नंबर शूटरों के पास ही है।
अगले दिन 26 फरवरी को उसी नंबर की अजमेर और गुजरात के अहमदाबाद की लोकेशन मिली। इससे पुलिस पीछा करते हुए पहुंची। इस नंबर की अंतिम लोकेशन मुंबई की मिली।
रेवाड़ी से अजमेर ट्रेन में पहुंचे, मुंबई के बाद पुलिस का संपर्क टूटा
शूटरों ने पूछताछ में बताया था कि वे रेवाड़ी से अजमेर तक ट्रेन में पहुंचे। फिर सड़क मार्ग से अहमदाबाद व मुंबई पहुंचे। यहां तक पुलिस पीछा करती हुई पहुंच गई लेकिन उसके बाद संपर्क टूटा। मुंबई से आगे पुलिस को पता नहीं लगा कि शूटर कहां गए।
पुलिस शूटरों की पहचान कर चुकी थी। इस बीच पुलिस को तीन मार्च को पता लगा शूटर आशीष के भाई के पास वाट्सटएप कॉल आई। यह यूके बेस्ड नंबर से आई थी लेकिन उस नंबर की लोकेशन ट्रेस की तो वह गोवा के होटल आसपास की मिली। एसआईटी गोवा के लिए निकली।
दूसरी ओर से दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल भी सक्रिय थी। एक सोर्स से सूचना दिल्ली पुलिस को भी मिली तो हरियाणा पुलिस से पहले दिल्ली पुलिस गोवा के उस होटल में जा पहुंची जहां पर शूटर ठहरे थे हालांकि वहां से दो शूटर मिले।
इनमें आशीष उर्फ बाबा व सचिन उर्फ सौरव मिले, जबकि अतुल और नकुल फरार हो चुके थे। होटल में चारों के एक साथ होने की सीसीटीवी फुटेज नफे सिंह के परिवार की ओर से भी जारी की गई थी। सिर्फ दो की ही गिरफ्तारी होने पर सवाल भी उठाए थे।