हरियाणा में लगातार बढ़ रहे स्कूल बस हादसों से अभिभावकों और प्रबंधकों का निजी बसों से भरोसा टूटने लगा है। पिछले दिनों महेंद्रगढ़ जिले के उन्हाणी में हुई स्कूल बस दुर्घटना में छह मासूम बच्चों की मौत हो गई थी। इसके बाद से अब सरकारी स्कूल भी निजी वाहनों को स्कूलों में लगाने से कतरा रहे हैं। बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कई स्कूलों ने अपने यहां बच्चों को लाने और ले जाने के लिए हरियाणा रोडवेज बसें लगा भी दीं हैं, जबकि कई स्कूलों ने रोडवेज में आवेदन किया है। हालांकि बसों की कमी के कारण उनकी मांग पूरी नहीं हो पा रही है।
झज्जर जिले में इस समय करीब 10 सरकारी और केंद्रीय स्कूलों में हरियाणा रोडवेज की बसें बच्चों को ला और ले जा रहीं हैं। जल्द ही नूना माजरा के राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय की छात्राओं के लिए भी हरियाणा रोडवेज बस की व्यवस्था शुरू हो जाएगी। हरियाणा रोडवेज की तरफ से फिलहाल जिले के दो केंद्रीय विद्यालयों के अलावा आठ अन्य सरकारी स्कूलों में सेवाएं दी जा रही हैं।
बच्चों को छोड़ने के बाद रूट पर चलती हैं बसें
हरियाणा रोडवेज की बसें तय समय पर बच्चों को स्टॉप से लेती हैं और दोपहर को छुट्टी के बाद स्टॉप पर छोड़ देती हैं। अप्रैल से अब तक तीन से चार सरकारी स्कूलों में रोडवेज बस सेवा शुरू की जा चुकी है। ये बसें सुबह व दोपहर के वक्त बच्चों को छोड़ने के बाद बाकी समय रूट पर चलती हैं।
बच्चों का बनाया जाता है बस पास
हरियाणा रोडवेज की तरफ से सरकारी स्कूलों के बच्चों का पास बनाया जाता है। यह पास मासिक या फिर छह माह का भी होता है। गांव से स्कूल की दूरी के हिसाब से सरकार की रियायती दरों पर पास बनाए जाते हैं। इससे बच्चों को यह फायदा होता है कि उनको गांव के बस अड्डे से ही बस मिल जाती है।
मातनहेल ब्लाॅक सीएम परिवहन योजना के लिए चयनित
मुख्यमंत्री परिवहन योजना के तहत मातनहेल ब्लाॅक का चयन हुआ है। यहां भी मातनहेल सरकारी स्कूल व केवीएस मातनहेल में ही रोडवेज की बस चलाई जा रही है। बाकी स्कूलों में बसों की संख्या पर्याप्त न होने के बाद सरकारी स्कूलों ने निजी वाहनों को लगाया हुआ है।
इन स्कूलों में चल रहीं रोडवेज बसें
• केंद्रीय विद्यालय झज्जर -4
• केंद्रीय विद्यालय मातनहेल -5
• सरकारी स्कूल भुरावास -3
• सरकारी स्कूल लडायन -2
• सरकारी स्कूल ढाकला -2
• सरकारी स्कूल रणखंडा -1
• सरकारी स्कूल हसनपुर -1
• सरकारी स्कूल मातनहे -1
• खरमाणा से नूना माजरा -1
• बहादुरगढ़ से झज्जर केवीएस -1
अधिकारी के अनुसार
कई सरकारी स्कूलों और केंद्रीय विद्यालय की तरफ से रोडवेज बसें चलाने की मांग आई थी। बसों की संख्या अनुसार लगभग 18 से 20 बसें जिले में चलाई जा रही हैं। विभाग के पास बसों की संख्या भी निर्धारित है, इसलिए सभी स्कूलों में रोडवेज बस चलाना मुश्किल है। -संजीव तिहाल, महाप्रबंधक, हरियाणा रोडवेज झज्जर डिपो।