तावड़ू नगर में बंदरों का आतंक कम होने का नाम नहीं ले रहा है। बीते सप्ताह नगर के छोटू राम नगर में एक महिला सहित तीन लोगों को बंदरों ने हमला कर बुरी तरह घायल कर दिया। वहीं, ताजा मामला शुक्रवार की सांय नगर के पटौदी रोड स्थित वार्ड नंबर-3 में एक महिला पर बंदरों के झुंड ने हमला बोल दिया।
बंदरों के हमले से घबराकर महिला दूसरी मंजिल से नीचे जा पड़ी। इससे महिला के दोनों पैर टूट गए और हाथ व शरीर के अन्य हिस्सों में भी गंभीर चोटें आ गई। महिला की गंभीर हालत के चलते उसे रोहतक के पीजीआई में भर्ती कराया गया है जहां उसका उपचार चल रहा है।
छत पर उतारने गई थी कपड़े
वार्ड नंबर-3 पटौदी रोड पर रहने वाले सोनू गौतम ने बताया कि उनकी पत्नी केशवती छत पर सूख रहे कपड़े उतारने के लिए गई थी। जैसे ही छत पर पहुंची एकदम से करीब दर्जन भर बंदरों की टोली ने उन पर हमला बोल दिया। बंदरों के हमले से वह दूसरी मंजिल से नीचे जा गिरी, जिससे उनके दोनों पैर टूट गए।
हाथ के अलावा शरीर के दूसरे हिस्सों में भी चोटें आई। लोगों का कहना है कि बंदर पकड़ो अभियान सिर्फ फाइलों में ही चलाया गया। कुछ बंदर पकड़े गए, लेकिन अधिकतर बंदर अभी भी हर गली मोहल्ले में आतंक मचाए हुए हैं।
इससे पहले भी हुए हैं बंदरों के हमले
बता दें कि इससे पहले भी दिसंबर 2022 में नगर के जटवाड़ा मोहल्ला वार्ड नंबर 13 में छत पर टहल रही महिला पर बंदरों के झुंड ने हमला बोल दिया। बंदरों के हमले से बचने के चक्कर में महिला छत से गिर पड़ी और गिरते ही उसकी मौत हो गई।
बंदरों को पकड़ने के लिए जारी किया टेंडर
सितंबर 2022 में सर्वे कर बंदरों की गिनती की गई, जिसमें 1500 बंदर बताए गए। नगर पालिका प्रशासन ने सौ बंदर अलग से मानकर 1600 बंदर पकड़ने के लिए करीब 21 लाख रुपये के टेंडर जारी कर दिए। नगर पालिका प्रशासन का दावा है कि उन्होंने 1600 बंदर पकड़ कर राजस्थान के अलवर सरिस्का टाइगर रिजर्व पार्क में छोड़ दिए। जबकि मंकी कैचर टीम के आरोप है कि उन्हें पूरे पैसे नहीं दिए गए।
इसके चलते उन्होंने अपना काम बीच में ही छोड़ दिया। मात्र आठ सौ से अधिक बंदर ही पकड़े थे। मंकी कैचर सलमान आदि की माने तो पेमेंट नहीं होने के कारण उन्होंने बंदर पकड़ो अभियान बीच में ही अधूरा छोड़ दिया। जबकि नगर पालिका प्रशासन 16 सौ बंदर पकड़ने का दावा कर रहा है। इसमें भी कहीं ना कहीं गड़बड़ घोटाले की बू आ रही है।