पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा गोद लिए गए स्मार्ट गांव दोहला का सीनियर सेकंडरी स्कूल मानसून की पहली बारिश में ही जहॉ तालाब में तब्दील हो गया है।
वही तीन करोड़ रुपये की लागत से बनाई गई स्कूल की इमारत की छतों से भी पानी टपकने लगा है। जिसके वजह से बच्चें ना तो स्कूल में प्रवेश कर पा रहे है,ओर अगर बच्चें स्कूल के बाहर भरे बरसाती पानी से निकल कर स्कूल के अंदर चले भी जाते है ।
स्कूल के अंदर छतों से टपकते पानी के कारण क्लास रूम के अंदर नही बैठ पा रहे है। जिससे बच्चो की पढ़ाई बाधित हो रही है।ये बात हम नही बल्कि स्कूली बच्चे खुद बता रहे।
जिस स्कूल की इमारत को प्रणव मुखर्जी फॉउंडेशन द्वारा तैयार कराया गया है और बताया जा रहा है कि इस इमारत को नई टेकलोजी द्वारा तैयार किया गया है। लेकिन पता नही इसमें कौनसी टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया गया है कि जबसे इस स्कूल की इमारत को बनाया गया है । तभी से बरसाती मौसम के दौरान इसकी छतों से पानी टपकना बंद नही हो रहा है।
जिसे लेकर ग्रमीणों से शिक्षा विभाग से लेकर सरकार के नुमाइंदों तक को स्कूल इमारत का समाधान करने के लिए शिकायत दी गई है
लेकिन रिजल्ट वही ढाक के तीन पात वाला रहा है
इस गंभीर विषय को लेकर जब हमने स्कूल प्रिंसिपल से बात की तो उनका कहना था कि इस विषय को लेकर स्कूल की तरफ कई बार विभागीय अधिकारियों को लिखित पत्र भेज कर अवगत कराया जा चुका है। और आज फिर ईमेल के जरिये पत्र भेजा जा रहा है।
बतादे की जहॉ स्कूल की बाउंड्री वाल का काम अधर में लटका हुआ है । वही दूसरी तरफ स्कूल के चारो तरफ बरसाती पानी भरा होने व स्कूल की छतों से टपकते पानी के कारण स्कूल के अंदर शिक्षा ग्रहण करने वाले स्कूली छात्र-छात्राओं की पढ़ाई बाधित हो रही है।