पंद्रह जून की रात को दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे पर नूंह क्षेत्र में गोतस्करों की गोली पेट में लगने से घायल हुए गोरक्षक दल के सदस्य ने पांच जुलाई की सुबह अस्पताल में दम तोड़ दिया।
सोनू गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती थे। डॉक्टरों ने सर्जरी कर सोनू की जान बचाने का पूरा प्रयास किया पर सफल नहीं हुए। बेटे को खोने के बाद सोनू की हत्या करने वाले गोतस्करों के विरुद्ध फास्ट कोर्ट में मामले की सुनवाई कर फांसी की सजा सुनाने की मांग की है।
तीन साल से गोरक्षा दल से जुड़े हुए थे सोनू
रेवाड़ी के फिदेड़ी गांव के रहने वाले सोनू करीब तीन साल से गोरक्षा दल से जुड़े हुए थे। उन्हें पंद्रह जून को सूचना मिली थी कि गोतस्कर पिकअप में गोवंशी को भरकर डीएमई से राजस्थान की ओर जा रहे हैं।
सूचना मिलते ही पुलिस को सूचना देने के बाद सोनू ने अपनी टीम के साथ नूंह के शेखपुरा गांव के पास गोतस्करों के वाहन को रोकने का प्रयास किया था। तभी बदमाशों ने गोली चलानी आरंभ कर दी थी। पेट में गोली लगने से सोनू गंभीर रूप से घायल हो गए थे। उन्हें मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
डेढ़ महीने तक मौत से लड़ते रहे सोनू
करीब डेढ़ माह तक मौत से लड़ते रहे सोनू ने सोमवार सुबह दम तोड़ दिया। सोनू ने रेवाड़ी में टायरों का शोरूम खोल रखा है। वह दो भाई थे। सोनू के एक बेटा और बेटी है। उनके नहीं रहने की सूचना पैतृक गांव पहुंची तो मातम छा गया। काफी संख्या में गोरक्षक दल के सदस्य गुरुग्राम पहुंच गए।
पोस्टमार्टम के बाद शव को रेवाड़ी लाया जाएगा। घटना के दौरान नूंह पुलिस एक ही गोतस्कर को पकड़ पाई थी अन्य तीन भाग गए थे। नूंह पुलिस अब इस मामले में लेकर फिरोजपुर झिरका थाने में दर्ज एफआइआर में हत्या करने की धारा जोड़ेगी ।