हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस में हलचल शुरू हो चुकी है। पार्टी में टिकट बंटवारे से पहले आवेदन मंगवाने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। बड़े नेताओं ने अपने ज्यादा से ज्यादा करीबियों को टिकट दिलवाने के लिए आवेदन करवा दिए हैं। इस सबके बीच सैलजा कैंप ने एक दांव चलकर पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के कैंप में हलचल मचा दी है।
सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा और उन्हीं के गुट से संबंध रखने वाले रणदीप सिंह सुरजेवाला चाहते हैं कि लगातार 2 चुनाव हार चुके नेताओं को इस बार टिकट न दिया जाए। दोनों ने अपनी इस मुहिम के तहत फील्डिंग जमानी शुरू कर दी है।
सैलजा कैंप का तर्क है कि जनता जिन नेताओं को दो-दो बार रिजेक्ट कर चुकी है उन्हें तीसरी बार मौका देने की जगह नए चेहरों को आगे बढ़ाया जाए। दोनों इसके लिए हाईकमान को मनाने के प्रयास कर रहे हैं। उनका दावा है कि इससे पार्टी में नई लीडरशिप को मौका मिलेगा।
अगर सैलजा खेमे की यह प्लानिंग सिरे चढ़ गई तो इसका सबसे ज्यादा नुकसान हुड्डा खेमे को होगा। हुड्डा खेमे से जुड़े दर्जनभर नेताओं में बेचैनी दिखने लगी है। इनमें नारनौल से दो चुनाव हार चुके राव नरेंद्र सिंह, कोसली के यादवेंद्र सिंह, पटौदी के सुधीर चौधरी और पृथला के रघुवीर तेवतिया शामिल हैं।
लगातार दो चुनाव हारने वाले कांग्रेसी नेताओं में फतेहाबाद से प्रहलाद सिंह गिल्लाखेड़ा, टोहाना से परमवीर सिंह, बाढ़ड़ा से पूर्व सीएम बंसीलाल के बेटे रणबीर सिंह महेंद्रा, बवानीखेड़ा से रामकिशन फौजी, जुलाना से धर्मेंद्र सिंह ढुल, नरवाना से विद्या रानी, रतिया से जरनैल सिंह, गुहला से दिल्लूराम बाजीगर, पेहवा से मनदीप सिंह चट्ठा और लोहारू सीट से सोमवार सिंह शामिल हैं।
इनमें से ज्यादातर पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के करीबी हैं। इनमें से कई नेता तो ऐसे हैं जो चुनाव में तीसरे स्थान पर खिसक गए थे।
सैलजा कैंप चाहता है कि जनता की ओर से खारिज किए जा चुके इन नेताओं की जगह नए चेहरों को मौका दिया जाए।