तिरुपति मंदिर के प्रसाद में लड्डू की पवित्रता और शुद्धता को लेकर लोगो विवाद बढ़ता जा रहा है। आंध्र प्रदेश की तेलुगु देशम पार्टी (TDP) ने 2 दिन के अंदर दो दावे किए है । नायडू सरकार ने नया आरोप लगाते हुए कहा है कि प्रसाद में चर्बी वाले घी के अलावा गोमांस, सुअर की चर्बी और फिश ऑयल और अन्य चीजे मिलाई गयी थी । लैब टेस्ट रिपोर्ट में इसकी पुष्टि भी हुई।
इससे पहले 18 सितंबर को आंध्र प्रदेश के CM चंद्रबाबू नायडू ने यह भी कहा था कि पिछले 5 साल में YSRCP के नेताओं ने तिरुमाला की पवित्रता को धूमिल किया। उधर, मंदिर प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया। तिरुपति मंदिर के 300 साल पुराने किचन में रोजाना के 3.50 लाख लड्डू बनते हैं। तिरुमाला ट्रस्ट हर साल प्रसादम से सालाना 500 करोड़ रुपए कमाता है।
लैब रिपोर्ट 17 जुलाई को मिली। तभी से ही यह रिपोर्ट पब्लिक डोमेन में फ़ैल गई है, लेकिन इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। रिपोर्ट में ना तो जारी करने वाली संस्था का नाम लिखा गया है और ना ही किसी जगह के सैंपल की जांच की गई है, उसका केवल जिक्र है। उधर, तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) ने घी की गुणवत्ता की निगरानी के लिए चार सदस्यीय विशेष समिति बना दी है।
3 दिन में टीडीपी के आरोप, लैब रिपोर्ट सार्वजनिक की
19 सितंबर: टीडीपी के प्रवक्ता अनम वेंकट रमना रेड्डी ने गुरुवार, 19 सितंबर को प्रेस कॉन्फ्रेंस में लैब रिपोर्ट सार्वजनिक की। उन्होंने यह बताया कि गुजरात में स्थित लाइवस्टॉक लैबोरेटरी, NDDB (नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड ) CALF लिमिटेड (सेंटर फॉर एनालिसिस एंड लर्निंग इन लाइवस्टॉक एंड फूड) को 9 जुलाई, 2024 को सैंपल भेजा गया था।
18 सितंबर: आंध्र के मुख्यमंत्री और TDP सुप्रीमो एन चंद्रबाबू नायडू बोले प्रसाद में चर्बी मिलाई जा रही थी। नायडू ने कहा कि जिस कंपनी से घी लिया जा रहा था, उससे करार खत्म कर ब्लैक लिस्ट कर रहे हैं। मामले की जांच विजिलेंस को सौंप दी गई है। एक साल पहले ही कंपनी को सप्लाई का टेंडर मिला था।
17 सितंबर: इस साल 17 जुलाई को राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड की फूड लैब CALF ने बताया कि तिरुमाला के लड्डुओं में पशु चर्बी, मछली तेल से बने घी का इस्तेमाल किया जा रहा है। जांच में एक फर्म का घी मिलावटी मिला था। इसके बाद जुलाई में तिरुमाला ट्रस्ट के. श्यामला राव ने बैठक कर लडडुओं के सैंपल फिर लैब भेजे।