सोहना सिटी थाना पुलिस ने एक ऐसे आरोपी को गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल की है। जिसने अपने परिवार की नजरों में पाक साफ रहने के लिए अपनी ही जमीन को फर्जी दस्तावेज तैयार करा कर और अपने नाम का फर्जी व्यक्ति तैयार कर साल 2016 में पचास लाख रुपये में एक संतोष नामक महिला को बेच दिया। संतोष देवी ने उस जमीन को करीब दो साल बाद ब्रहमा देवी नामक महिला को बेच दिया। जब ब्रहमा देवी अपनी जमीन का कब्जा लेने गई तो इस पूरे मामले के मास्टरमाइंड ने कब्जा देने से मना कर दिया और यह कह दिया कि मैने तो जमीन बेची ही नही है।
जिसके बाद संतोष देवी ने सोहना सिटी थाना पुलिस में एक शिकायत दी और बताया कि मुझे जो जमीन बेची गई है उसमें मेरे साथ धोखाधड़ी की गई है। जिस शिकायत पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जाच शुरू की तो पुलिस की लंबी जाँच के दौरान परत दर परत मामला खुलता चला गया और पुलिस असली गुनहगारों तक पहुँच गई।
आपको सोहना सिटी थाना पुलिस की गिरफ्त खड़ा दिखाई दे रहा यह व्यक्ति देवेंद्र सैनी है। जो कि चहरे से बड़ा ही मासूम ओर शरीफ दिखाई दे रहा है। लेकिन यह बड़ा की शातिर किस्म का धोखेबाज व्यक्ति है जिसने अपनी ही जमीन को पचास लाख रुपये में अपने नाम के फर्जी दस्तावेज तैयार करा कर व अपने स्थान पर फर्जी व्यक्ति को खड़ा करके जमीन को बेच दिया था। इतना ही नही इस व्यक्ति ने पाँच लोगो के खिलाफ कोर्ट में इस्तगासा दायर कर उनके ऊपर मुकदमा भी दर्ज करा दिया था।
जिस मामले जब पुलिस ने गहनता से जाच की तो दूध का दूध और पानी का पानी हो गया और आरोपी द्वारा लगाए गए आरोपो के अंदर कोई सच्चाई नही मिली।जिसके बाद पुलिस की तरफ से पीड़ितों को क्लीन चिट दे दी गई है। हालांकि जिस समय यह मुकदमा जिस समय अदालत के आदेश पर सोहना सिटी थाना में दर्ज किया गया था उस समय कुछ यूट्यूब चैनल व शोशल मीडिया के जरिये सोहना नगर परिषद वाइस चेयरपर्सन के प्रतिनिधि एवं भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता कमल छाबड़ी,एक आईपीएस अधिकारी की माता जी सहित कई पांच लोगों की इमेज को भी खराब करने का काम किया गया था। लेकिन कहते है ना कि एक ना एक दिन सच्चाई सामने आ ही जाती है,ओर इस मामले मै भी वही हुआ।
आरोपी ने किस तरह से अपने परिवार के लोगो को किस तरह से गुमराह किया हुआ है.ओर वकील से झूठ बोलकर निर्दोष लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया। बतादे कि इस मामले में पुलिस मामले में शामिल चमन नामक युवक व फर्जी देवेंद्र को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। जबकि पुलिस ने इस मामले के मास्टरमाइंड असली देवेंद्र को लंबी जांच के बाद गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल की है जिसे अदालत में पेश कर रिमांड पर लिया गया है। ताकि पुलिस आरोपी से यह जानकारी जुटा सके कि उसने अपने आधार कार्ड व वोटर कार्ड पर फर्जी व्यक्ति का फोटो कहा से लगवाया था और इस मामले में कोई अन्य आरोपी तो शामिल नही था।