पिछले एक दशक में हरियाणा से विदेश जाकर बसने का चलन तेजी से बढ़ा है। लोग काफी संख्या में विदेश में रह रहे हैं, मगर यह लोग न तो मतदान के लिए जागरूक हैं और न ही मतदाता बनने के लिए। मुख्य चुनाव अधिकारी कार्यालय के मुताबिक, हरियाणा में कुल 743 एनआरआई (अप्रवासी) मतदाता ही पंजीकृत हैं। गुरुग्राम में 314, फरीदाबाद में 161 व अंबाला में 138 एनआरआई मतदाता हैं, लेकिन पिछले लोकसभा चुनाव में एक भी एनआरआई ने वोट नहीं डाला था।
2019 में कुल मतदान 70.34 फीसदी हुआ था, जिनमें पुरुषों की भागीदारी 70.27 फीसदी, महिलाओं की 69.55 फीसदी व थर्ड जेंडर की 14.34 फीसदी थी। 73,182 वोट पोस्टल बैलेट के माध्यम से भी डाले गए थे। रिपोर्ट में एनआरआई वोटरों के आगे शून्य दर्ज किया गया है। यानी कोई वोट नहीं पड़ा।
भारत में एनआरआई के लिए डॉक, ऑनलाइन और दूतावास में मतदान को लेकर कोई व्यवस्था नहीं है। यदि किसी अप्रवासी नागरिक को मतदान करना है तो उसे अपने पासपोर्ट के साथ मतदान केंद्र पर आना पड़ेगा। अप्रवासी भारतीय वोट डालना तो चाहते हैं मगर व्यावहारिक कारणों से संभव नहीं आने जाने में काफी पैसा खर्च होने की वजह से वह वोट डालने नहीं आते। हालांकि कई बार ऑनलाइन वोटिंग व ईटीपीबीएस के जरिये वोट डालने की मांग उठाई गई है।
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दूतावासों में तैनात अधिकारी इलेक्ट्रॉनिकली ट्रांसमिटेड पोस्टल बैलेट सिस्टम (ईटीपीबीएस) के जरिये मतदान कर सकते हैं। भले ही एनआरआई को वहां से मतदान करने की सुविधा न हो, मगर वह सात समंदर पार ही मतदाता सूची में नाम दर्ज करवा सकते हैं। इसके लिए चुनाव आयोग की वेबसाइट में फॉर्म नंबर 6 ए उपलब्ध है, जिसे ऑनलाइन भरा जा सकता है। वेबसाइट पर फार्म भरने संबंधी सभी दिशा-निर्देश लिखे हैं। इस फॉर्म को निर्देशानुसार भरकर मतदाता बना जा सकता है।
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किस लोकसभा में कितने वोट
जिला पुरुष महिला कुल
अंबाला 99 39 138
कुरुक्षेत्र 21 3 24
सिरसा 2 0 2
हिसार 1 0 1
करनाल 45 9 54
सोनीपत 26 6 32
रोहतक 11 3 14
भिवानी-महेंद्रगढ़ 2 1 3
गुरुग्राम 213 101 314
फरीदाबाद 122 39 161
कुल 542 201 743
केरल में एनआरआई वोटरों का सबसे ज्यादा क्रेज
चुनाव आयोग के मुताबिक, केरल में एनआरआई वोटरों का सबसे ज्यादा क्रेज देखा गया है। पिछले साल 25,534 लोगों ने विदेश से आकर केरल में अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था। वहीं, महाराष्ट्र में 5, पंजाब में 33, राजस्थान में पांच, यूपी में छह, कर्नाटक में 16, आंध्रप्रदेश में 5, गोवा में एक एनआरआई ने अपने मतदान का इस्तेमाल किया। केरल में इस बार भी सबसे ज्यादा उत्साह है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, 22 हजार लोग खाड़ी देशों से केरल में पहुंच चुके हैं। शुक्रवार को दूसरे चरण में हुए मतदान में उन्होंने भागीदारी भी सुनिश्चित की है।
एनआरआई मतदाता उदासीन, फिर भी भाजपा एनआरआई सेल सक्रिय
भाजपा हरियाणा का एनआरआई सेल बना हुआ है, जो विदेश में रह रहे लोगों से संपर्क साधे हुए है। एनआरआई सेल के प्रधान संदीप देसवाल ने बताया कि मई के पहले हफ्ते में एनआरआई सेल दसों लोकसभा सीट पर उद्घोष यात्रा निकालेगा। उन्होंने दावा है कि हरियाणा प्रदेश के लगभग ढाई लाख एनआरआई अलग-अलग देशों में विदेशी धरती पर रह रहे हैं। उनकी एक बड़ी टीम है, जिसमें कनाडा, यूनाइटेड किंगडम, फिनलैंड और इंडोनेशिया के समन्वयक शामिल हैं। वे एनआरआई वोटरों से संपर्क बनाए हुए हैं।