हरियाणा में लोकसभा चुनाव में हाशिये पर गए क्षेत्रीय दलों में शामिल जननायक जनता पार्टी (जजपा) के उम्मीदवार अंबाला और फरीदाबाद में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) ईवीएम पर सबसे आखिर में दर्ज नोटा (उपरोक्त में कोई नहीं) से भी हार गए।
प्रदेश में 43 हजार से ज्यादा दबा नोटा
इसी तरह गुरुग्राम गांव संसदीय क्षेत्र में इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के उम्मीदवार सोराब खान नोटा से हार गए। प्रदेश में सभी दस लोकसभा सीटों पर कुल 223 प्रत्याशी मैदान में थे जिनमें से 168 (75 प्रतिशत) नोटा से हारे हैं। प्रदेश में कुल 43 हजार 539 लोगों ने नोटा का बटन दबाया।
अधिकतर सीटों पर कांग्रेस और बीजेपी का रहा सीधा मुकाबला
अधिकतर सभी सीटों पर कांग्रेस और भाजपा का सीधा मुकाबला रहा। हालांकि कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट पर भाजपा उम्मीदवार नवीन जिंदल और इंडी गठबंधन के प्रत्याशी सुशील गुप्ता के साथ इनेलो के अभय चौटाला ने जरूर दमखम दिखाया, जबकि सिरसा में इनेलो प्रत्याशी संदीप लोट के खाते में अच्छी खासी वोट आई। बाकी अन्य सीटों पर इनेलो के साथ जजपा भी चुनावी रण में पिछड़ती नजर आई।
नौ प्रत्याशियों के खाते में नोटा से कम आए वोट
नौ प्रत्याशियों के खाते में नोटा से भी कम वोट आए, अंबाला में 14 प्रत्याशी चुनावी मैदान में थे, जिनमें से नौ प्रत्याशियों के खाते में नोटा से कम वोट आए। इसके साथ ही सिरसा में 19 में से 12 प्रत्याशियों को नजर अंदाज करते हुए जनता की पसंद नोटा बना।
फरीदाबाद में पड़े सबसे ज्यादा नोटा वोट
हिसार में 28 में से 22, सोनीपत में 22 में से 17, रोहतक में 26 में से 21, कुरुक्षेत्र में 31 में से 22, करनाल में 19 में से 13, भिवानी में 17 में से 13, गुरुग्राम में 23 में से 19 और फरीदाबाद में 24 में से 20 प्रत्याशियों को नोटा से कम वोट मिले। फरीदाबाद में नोटा के खाते में सबसे ज्यादा वोट फरीदाबाद में नोटा (Nota In Faridabad) के खाते में 6821 वोट आए तो गुरुग्राम में 6417 वोट नोटा को पड़े।
अहम पहलू यह भी है कि अंबाला में नोटा के खाते में 6452 मत आए, जबकि जजपा प्रत्याशी किरण पूनिया को नोटा से कम 6092 वोट पड़े। लोकसभा चुनाव में 223 में से 168 प्रत्याशी (75 प्रतिशत) नोटा से हारे, कुल 43 हजार 539 मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया।