हरियाणा में साढ़े चार साल तक भाजपा के साथ सत्ता में रही जननायक जनता पार्टी के बिखराव पर इनेलो के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला (Abhay Singh Chautala) ने चुटकी ली है। जननायक जनता पार्टी (JJP) का उदय इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) में टूट के बाद हुआ था।
अभय सिंह चौटाला ने शनिवार को कहा कि खुद को भविष्य की राजनीति का किंगमेकर कहने वाले दुष्यंत चौटाला किंगमेकर तो नहीं बन पाए, लेकिन किंगब्रेकर जरूर हो गए हैं। पिछले साढ़े चार वर्षों की दुष्यंत की सियासत ने यह पूरी तरह से साबित कर दिया है।
ओमप्रकाश चौटाला पांच बार रहे मुख्यमंत्री: अभय सिंह
अभय सिंह चौटाला ने कहा कि इनेलो प्रमुख ओमप्रकाश चौटाला सबसे अधिक पांच बार हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे।
चौटाला प्रदेश के सबसे ताकतवर नेता रहे हैं, मगर दुष्यंत चौटाला ने सात अक्टूबर 2018 को गोहाना में पूर्व उप प्रधानमंत्री स्व. देवीलाल की जयंती पर आयोजित सम्मान दिवस रैली में ऐसा परिदृश्य पैदा किया कि उन्होंने अपने दादा ओमप्रकाश चौटाला की सियासी ताकत को तोड़कर किंगब्रेकर बनने की दिशा में पहला कदम बढ़ाया।
इसके बाद 2019 के विधानसभा चुनाव के दौरान दुष्यंत चौटाला ने भाजपा का साथ देकर उन 18 लाख 58 हजार मतदाताओं के साथ विश्वासघात किया, जिन्होंने भाजपा के खिलाफ उन्हें वोट देते हुए 10 विधायक चुनकर भेजे थे।
दुष्यंत ने उठाया विश्वासघाती कदम: अभय चौटाला
अभय चौटाला ने कहा कि यह किंगब्रेकर बनने की दिशा में दुष्यंत का दूसरा विश्वासघाती कदम था। किसानों ने 26 नवंबर 2020 से लेकर दिसंबर 2021 तक 378 दिनों तक दिल्ली के सीमांत इलाकों में पड़ाव डाला और आंदोलन किया। तब 750 किसानों की जान चली गई।
उस समय भी सहानुभूति की बजाय किसानों के बारे में अपशब्द एवं अभद्र टिप्पणियां कर दुष्यंत चौटाला ने किसानों के साथ तीसरा बड़ा विश्वासघात किया और किंगब्रेकर बनकर उभरे।
अभय चौटाला ने कहा कि इतिहास साक्षी है कि दुष्यंत को इनेलो पार्टी और दादा ने बनाया और बाद में उसी दुष्यंत ने पहले पार्टी तोड़ी और फिर अपने दादा की सियासी ताकत तोड़ने का काम किया।