उत्तर प्रदेश से लगते यमुनानगर के गांवों में अवैध खनन को लेकर दायर एक जनहित याचिका पर हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार से जवाब तलब किया है। कोर्ट ने सरकार से पिछले पांच साल में अवैध खनन करने वालों की जानकारी, जब्त संपति और कार्रवाई की पूरी जानकारी देने का सरकार को आदेश दिया है। सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से कोर्ट में पेश की गई रिपोर्ट में बताया गया कि यमुना नदी के दो ब्लाक पर अवैध खनन नहीं चल रहा।
यमुना नदी के किनारे हो रहा अवैध खनन
पिछली सुनवाई पर हाई कोर्ट ने प्रदेश में बढ़ते अवैध खनन पर चिंता जताई थी और कहा था कि इसे रोकने के लिए सरकार सख्त कदम उठाए। कोर्ट ने कहा कि अगर अवैध खनन नहीं रुका तो ऐसे में क्यों न इस याचिका का दायरा बढ़ाया जाए। याचिका दाखिल करते हुए एंटी करप्शन सोसाइटी की ओर से एडवोकेट अंकित अग्रवाल के माध्यम से बताया गया कि यमुना नदी के किनारे प्रदेश में अवैध खनन का कार्य चल रहा है।
अवैध खनन के चलते पर्यावरण को हो रहा नुकसान
याचिकाकर्ता ने यमुनानगर के कुछ गांवों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि यहां हो रहे अवैध खनन के कारण पर्यावरण को खतरा पैदा हो रहा है। इस प्रकार हो रहे खनन के कारण न केवल मिट्टी को नुकसान हो रहा है बल्कि प्राकृतिक आपदा का खतरा भी बना हुआ है।
याची ने हरियाणा सरकार को इस बारे में अवगत कराया लेकिन इस दिशा में कोई निर्णय नहीं लिया गया है। सरकार यदि इस पर कार्रवाई करे तो न केवल पर्यावरण को बचाया जा सकता है बल्कि इससे सरकार को राजस्व का लाभ की होगा।