केंद्रीय चुनाव आयोग ने हरियाणा में विधानसभा चुनाव की अचानक घोषणा कर दी है। प्रदेश में एक अक्टूबर को वोट पड़ेंगे और चार अक्टूबर को नतीजे घोषित कर दिए जाएंगे। केंद्रीय चुनाव आयोग की तीन सदस्यीय टीम ने दो दिन के दौरे के बाद दिल्ली पहुंचकर हरियाणा में विधानसभा चुनाव की घोषणा की।
प्रदेश के राजनीतिक दलों को उम्मीद थी कि अक्टूबर में विधानसभा चुनाव होंगे, लेकिन केंद्रीय चुनाव आयोग ने करीब एक माह पहले ही चुनाव कार्यक्रम जारी कर राजनीतिक दलों की तैयारियों को एकाएक गति प्रदान कर दी है।
एक महीने पहले हो जाएगा नई सरकार का गठन
हरियाणा में चुनाव की घोषणा होते ही आदर्श चुनाव आचार संहिता लग गई है। प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी पंकज अग्रवाल ने राज्य में आदर्श चुनाव संहिता लागू होने की पुष्टि की है। इसके साथ ही राज्य में भाजपा सरकार नई घोषणाएं नहीं कर सकेगी। प्रदेश की मौजूदा भाजपा सरकार का कार्यकाल तीन नवंबर तक है।
राज्य में नई सरकार का गठन चार अक्टूबर को होगा। साल 2019 में 21 सितंबर को चुनाव घोषित हुए थे। इस बार 35 दिन पहले विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। ऐसे में पिछली बार की अपेक्षा इस बार करीब एक महीने पहले नई सरकार का गठन हो जाएगा।
CM सैनी ने कहा था अभी नहीं होगा चुनाव
केंद्रीय चुनाव आयोग ने शुक्रवार सुबह एक सर्कुलर जारी कर दोपहर बाद तीन बजे प्रेस कान्फ्रेंस बुलाई थी। राजनीतिक गलियारों में तभी चर्चा चल पड़ी थी कि जम्मू-कश्मीर के साथ हरियाणा विधानसभा के चुनाव की तारीख का भी एलान हो सकता है।
वहीं, दूसरी तरफ मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने किसानों के खातों में करीब 500 करोड़ रुपये की फसल की बोनस राशि डालने के बाद मीडिया से बातचीत में दावा किया था कि राज्य में अभी विधानसभा चुनाव नहीं होंगे। उन्होंने स्पष्ट कहा था कि हरियाणा में विधानसभा चुनाव अपने निर्धारित समय पर होंगे।
लेकिन शाम को जब केंद्रीय चुनाव आयोग ने जम्मू-कश्मीर के साथ हरियाणा के भी विधानसभा चुनाव की घोषणा की, उस समय मुख्यमंत्री हरियाणा के दौरे पर निकले हुए थे, जबकि विपक्ष के नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा चंडीगढ़ में मौजूद थे।
राजनीतिक दल चाहते थे जल्दी हों विधानसभा चुनाव
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने नई दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि हरियाणा में एक चरण में चुनाव होंगे। पांच सितंबर को नामांकन प्रक्रिया आरंभ होगी, जो कि 12 सितंबर तक चलेगी। इसके बाद एक अक्टूबर को मतदान होगा तथा चार अक्टूबर को मतगणना कराई जाएगी।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने हरियाणा में जल्दी चुनाव कराने को लेकर कहा कि पिछली बार भी दो-दो राज्यों को मिलाकर चुनाव कराए गए थे। इस बार भी जम्मू-कश्मीर के साथ हरियाणा को जोड़कर चुनाव कराए जा रहे हैं। राजीव कुमार ने कहा कि उन्होंने दो दिन हरियाणा में रहकर चुनाव तैयारियों का जायजा लिया।
राजनीतिक दलों के नेताओं से हुई मुलाकात के दौरान सभी में चुनाव की ललक दिखाई दी। कुछ दल चाहते थे कि विधानसभा का चुनाव जल्दी हो। केंद्रीय चुनाव आयोग और राज्य चुनाव आयोग हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए पूरी तरह से तैयार है।
27 अगस्त से पहले बनवाई जा सकेगी नई वोट
हरियाणा में मतदाता सूचियों का अंतिम प्रकाशन 27 अगस्त को किया जाएगा। इसकी कापियां सभी राजनीतिक दलों को उपलब्ध होंगी। केंद्रीय चुनाव आयोग के मुख्य आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि जिन लोगों के वोटर कार्ड नहीं बने हैं, वह अभी भी बनवा सकते हैं।
हरियाणा विधानसभा चुनाव का शेड्यूल
चुनाव की अधिसूचना – 5 सितंबर
नामांकन प्रक्रिया – 5 सितंबर
नामांकन का आखिरी दिन 12 सितंबर
नामांकन पत्रों की जांच – 13 सितंबर
नाम वापस की अंतिम तिथि – 16 सितंबर
मतदान – एक अक्टूबर
मतगणना – चार अक्टूबर
हरियाणा में 10 हजार से अधिक मतदाता 100 साल से ऊपर
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने हरियाणा के खान-पान की सराहना करते हुए कहा कि यहां का खान-पान काफी हेल्दी है। राज्य में 10 हजार से अधिक मतदाता 100 साल से ऊपर के हैं। यह प्रदेश खिलाड़ियों का प्रदेश है। हमें खुशी है कि इतने हेल्दी मतदाता भी अपनी पसंद की सरकार चुनने के लिए तैयार हैं।
इन शहरों में मल्टी स्टोरी हाउसिंग सोसायटी में बनेंगे मतदान केंद्र
हरियाणा के शहरी क्षेत्रों में स्लम एरिया व बहुमंजिली इमारतों के एरिया में मल्टी स्टोरी हाउसिंग सोसायटी में पोलिंग स्टेशन बनाए जाएंगे। इनमें गुरुग्राम, फरीदाबाद व सोनीपत की मल्टी स्टोरी हाउसिंग सोसायटी शामिल हैं, जहां पहली बार पोलिंग स्टेशन बनाए जाने वाले हैं। सभी मतदान केंद्रों में 100 प्रतिशत सुविधाएं उपलब्ध होंगी। सभी पोलिंग केंद्रों पर 100 प्रतिशत सीसीटीवी कैमरे लगेंगे।
कौन से मतदाता घर से डाल सकेंगे वोट
केंद्रीय चुनाव आयोग ने कहा कि राज्य में निष्पक्ष, भय रहित और शांतिपूर्ण चुनाव कराए जाएंगे। इसके लिए सभी एजेंसियों को आवश्यक हिदायतें जारी की जा चुकी हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने जानकारी दी कि 85 साल से अधिक उम्र के मतदाताओं व 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांग मतदाताओं को घर से ही वोटिंग की सुविधा प्रदान की जाएगी।
लेकिन उनके पास मतदान केंद्रों पर आकर भी मतदान करने का विकल्प खुला रहेगा। ऐसे मतदाताओं को मतदान केंद्रों पर जरूरी सुविधाएं हर हाल में मिलेंगी। इन मतदाताओं को स्वयं को पंजीकृत कराने के लिए फॉर्म 12-डी भरना होगा, ताकि यह पता चल सके कि वे घर से ही वोटिंग करना चाहते हैं या फिर मतदान केंद्र पर आकर वोट डालेंगे।
नशा व शराब माफिया पर शिकंजा कसें प्रवर्तन एजेंसियां
केंद्रीय चुनाव आयोग ने निर्वाचन विभाग के अधिकारियों से कहा है कि वे प्रत्येक मतदान केंद्र को ग्राउंड फ्लोर पर ही बनाएंगे तथा कोई भी मतदान केंद्र घर से दो किलोमीटर की दूरी से अधिक नहीं होगा। उन्होंने प्रवर्तन एजेंसियों के साथ बैठक में उन्हें आपसी सहयोग, जानकारी और सूचनाओं के आदान प्रदान के साथ समन्वय से काम करने के निर्देश दिए।
केंद्रीय चुनाव आयोग ने कहा कि शराब और नशे का कारोबार करने वाले माफिया पर खास निगाह रहेगी तथा ऐसे माफिया को चुनाव में काम करने का कोई मौका नहीं मिलना चाहिए। काफी संवेदनशील चेक पोस्ट पर दिन रात 24 घंटे सीसीटीवी कैमरे लगाने की व्यवस्था की जाएगी।
प्रदेश में होंगे 150 मॉडल पोलिंग स्टेशन
कुल विधानसभा – 90
सामान्य विधानसभा – 73
आरक्षित विधानसभा – 17
पोलिंग स्टेशन – 20629
ग्रामीण पोलिंग स्टेशन – 13497
शहरी पोलिंग स्टेशन – 7132
मॉडल पोलिंग स्टेशन – 150
हरियाणा के मतदाताओं का हिसाब
कुल मतदाता – 2.01 करोड़
पुरुष मतदाता – 1.06 करोड़
महिला मतदाता – 95 लाख
पहली बार वोट डालने वाले मतदाता – 4.52 लाख (18 से 19 साल)
85 साल से अधिक उम्र के मतदाता – 2.55 लाख
दिव्यांग मतदाता – 1.5 लाख
100 साल से अधिक उम्र के मतदाता – 10321
उभयलिंगी मतदाता – 459
सर्विस मतदाता – 1.10 लाख।
हरियाणा की भाजपा सरकार का कार्यकाल तीन नवंबर तक
साल 2019 में हुए विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव आयोग ने 21 सितंबर को अधिसूचना जारी की थी। इस सरकार का कार्यकाल तीन नवंबर तक है। हरियाणा में भाजपा की सरकार है। 2014 में भाजपा ने 47 सीटें जीतकर पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई थी।
साल 2019 में 40 सीटें जीती थी। लेकिन जजपा के साथ गठबंधन कर भाजपा को सरकार बनानी पड़ी थी। दो माह पहले लोकसभा चुनाव में भाजपा व जजपा का गठबंधन टूट गया था। निर्दलीय विधायकों व हलोपा की वजह से सरकार बनी थी।
यह है हरियाणा में सत्ता का समीकरण
हरियाणा में – 90 सीट
मौजूदा विधायक – 87
बहुमत – 46
भाजपा – 41
हलोपा – 1
निर्दलीय – 1
कुल 43
विपक्ष का गणित
कांग्रेस – 29
जजपा – 10
इनेलो – 1
निर्दलीय – 4
कुल 44
चुनाव प्रचार के लिए मिलेंगे 44 दिन
चुनाव प्रचार के लिए राजनीतिक दलों को 17 अगस्त से 29 सितंबर तक कुल 44 दिन मिलेंगे। 2019 में 21 सितंबर को चुनाव आचार संहिता लगी थी और 21 अक्टूबर को वोटिंग हुई थी। पिछले तीन इलेक्शन में 12 सितंबर के बाद चुनाव की घोषणा हुई है। नतीजे 15 अक्टूबर के बाद आते रहे हैं। इस बार चुनाव की घोषणा एक महीने पहले हुई है।