लोकसभा चुनाव में कांग्रेस नेता कुमारी सैलजा की खुलकर मदद करने वाले जजपा (जननायक जनता पार्टी) के विधायक और पूर्व मंत्री देवेंद्र बबली को पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने तगड़ा झटका दिया है।
कांग्रेस के टिकट की चाह में बृहस्पतिवार को दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय और सैलजा के निवास पर डेरा डालने वाले बबली को पार्टी ने टिकट देने से इनकार कर दिया है। कांग्रेस मुख्यालय में टिकटार्थियों के साथ बैठे बबली के फोटो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहे हैं।
लोकसभा चुनाव के दौरान देवेंद्र बबली के कभी भाजपा तो कभी कांग्रेस के पाले में जाने की चर्चाएं चलती रहीं। इसके बाद वे खुलकर सिरसा लोकसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी डॉ. अशोक तंवर का विरोध करते हुए सैलजा के समर्थन में उतर आए।
बबली को कुमारी सैलजा पर था भरोसा
बबली को उम्मीद थी कि समर्थन के बदले कुमारी सैलजा उन्हें टोहाना से कांग्रेस का टिकट दिलाएंगी। कांग्रेस का टिकट पक्का मानते हुए उन्होंने 17 अगस्त को जजपा से इस्तीफा भी दे दिया।
कांग्रेस नेता चाहते हैं कि बबली पहले पार्टी ज्वाइन करें, जिसके बाद उन्हें प्रत्याशी बनाने पर विचार किया जाएगा, जबकि बबली पहले टिकट की गारंटी चाहते हैं। इसी तरह का दबाव बबली ने लोकसभा चुनाव में भाजपा पर बनाया था।
दिल्ली में चल रही कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी की बैठकों के बीच देवेंद्र बबली ने हरियाणा प्रभारी दीपक बाबरिया से मुलाकात की, लेकिन बाबरिया ने उन्हें कांग्रेस में लेने से हाथ खड़े कर दिए।
बाबरिया ने माना कि देवेंद्र बबली विधानसभा चुनाव के लिए टिकट मांग रहे थे, लेकिन हमने कहा है कि वह कांग्रेस के सदस्य नहीं हैं। इस नाते उन्हें टिकट नहीं मिल सकता। अगर अध्यक्ष कोई फैसला करते हैं तो अलग बात है, लेकिन मेरी तरफ से उनको मना कर दिया गया है।
2019 में जजपा के टिकट पर लड़ा था बबली ने चुनाव
बबली ने वर्ष 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में टोहाना विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस का टिकट नहीं मिलने के बाद जजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था। एक लाख से भी ज्यादा वोट पाकर उन्होंने तत्कालीन भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला को शिकस्त दी थी।
इसके बाद में जजपा कोटे से उन्हें दिसंबर 2021 में विकास एवं पंचायत मंत्री बनाया गया। भाजपा से गठबंधन टूटने के बाद देवेंद्र बबली ने जजपा से दूरी बना ली और कांग्रेस नेताओं के संपर्क में आ गए। अब उनके लिए भाजपा के दरवाजे भी बंद हो चुके हैं।