गेमिंग ऐप के जरिए पैसा कमाने का लालच देकर लोगो से ठगी करने के जुर्म में साइबर क्राइम यूनिट ने एक बैंक कर्मी सहित दो युवकों को गिरफ्तार किया है। गेमिंग ऐप से बैंक खाते को जोड़ कर रुपए कमाने का लालच देकर खाते प्राप्त करते थे। खाता मिलने के बाद उसे साइबर ठगों को बेच देते थे। एसीपी साइबर क्राइम प्रियांशु दिवान की माने तो 25 जनवरी को एक व्यक्ति ने थाना साईबर क्राइम में शिकायत दी कि स्नैपचैट पर उसने एक रेनो कार हायर नाम से एक एडवर्टाइजमेंट देखी थी। इस पर उसने वहां पर अपनी डिटेल्स भर दी। कुछ समय बाद कुछ व्यक्तियों द्वारा टेलीग्राम के माध्यम से संपर्क करके वर्क फ्रॉम होम करके पैसा कमाने का लालच दिया व उससे करीब 1 करोड़ 12 लाख 99 हजार रुपए ठग लिए। इस शिकायत पर थाना साईबर क्राइम मानेसर में केस दर्ज किया गया।
थाना साईबर क्राइम मानेसर ने कार्रवाई करते हुए 2 आरोपियों को काबू किया। हालांकि करोड़ों रुपए की ठगी करने वाले की तलाश करने निकली गुड़गांव पुलिस ठग के एक छोटे एजेंट को पकड़कर अपनी पीठ थपथपाने में लगी हुई है। करोड़ों रुपए की ठगी करने वाला आरोपी भले ही पुलिस के हत्थे न चढ़ा हो, लेकिन ठग को बैंक खाता उपलब्ध कराने वाले एक बैंक कर्मचारी को पुलिस ने काबू कर लिया है। आरोपी द्वारा करोड़ों रुपए की ठगी के लिए जेल में बंद एक अपराधी का बैंक खाता साइबर ठग को उपलब्ध कराया था। इस खाते को उपलब्ध कराने की ऐवज में आरोपी ने एक लाख रुपए की नकदी प्राप्त की थी। गुड़गांव की साइबर पुलिस का कहना है कि वह जल्द ही साइबर ठगी के मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लेगी और इस पूरे नेक्सस को तोड़ देगी, लेकिन पुलिस महज एक एजेंट को काबू करके ही खुश होती नजर आ रही है।
एसीपी प्रियांशु दिवान के मुताबिक, 25 जनवरी को साइबर थाना मानेसर पुलिस को एक व्यक्ति ने शिकायत देकर कहा था कि उसे एक व्यक्ति ने टेलीग्राम के माध्यम से ऑनलाइन काम देने के नाम पर उनसे एक करोड़ 12 लाख रुपए की ठगी हुई है। मामले में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने मामले में एक आरोपी भिवानी के रहने वाले अखिल को काबू कर लिया। आरोपी ने पूछताछ में बताया कि वह एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक में बतौर सेल्स एग्जीक्यूटिव है। उसने यह खाता जयपुर के नितेश को एक लाख रुपए में किराए पर दिया था। बैंक खाते में पुलिस ने 26 लाख रुपए बरामद करने के साथ ही नितेश से 30 हजार रुपए भी बरामद किए हैं।
पुलिस की मानें तो मामले में संलिप्त अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस प्रयास कर ही है। आरोपी के मोबाइल को जांच के लिए साइबर सेल में भेजा गया है। जल्द ही साइबर फ्रॉड के मुख्य आरोपी को काबू करते हुए उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा।