प्रदेश के अतिथि अध्यापकों की तर्ज पर विभिन्न विभागों, बोर्ड-निगमों और स्वायत्त संस्थानों में लगे इन कच्चे कर्मचारियों की सेवाएं 58 वर्ष तक के लिए सुनिश्चित की गई हैं।
कच्चे कर्मचारियों की नहीं जाएगी नौकरी
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में पिछले बृहस्पतिवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया था और कल अध्यादेश ला दिया गया, जिसके मुताबिक अब किसी कच्चे कर्मचारी की नौकरी नहीं जाएगी।
अध्यादेश में 15 अगस्त तक पांच साल की नौकरी पूरी करने वाले सभी कच्चे कर्मचारियों की नौकरी 58 वर्ष की आयु तक सुनिश्चित करते हुए उन्हें पक्के कर्मचारियों के समान बेसिक वेतन दिया जाएगा।
हरियाणा सरकार जो पालिसी लाई है, उसमें 50 हजार रुपये से अधिक वेतन लेने वाले कर्मचारी शामिल नहीं किए गए हैं। उन्हें पक्का करने के लिए अलग से प्रविधान करने की सरकार की योजना है।
अनुबंधित कर्मचारियों को मिलेंगी ये सुविधाएं
हर साल एक जनवरी और एक जुलाई को अनुबंधित कर्मचारियों के मानदेय में वृद्धि की जाएगी। एक साल की सेवा के बाद सालाना वेतन वृद्धि, डेथ-कम-रिटायरमेंट ग्रेच्युटी और मेटरनिटी एक्ट के तहत मिलने वाले सभी लाभ मिलेंगे।
पीएम-जन आरोग्य योजना-चिरायु एक्सटेंशन योजना के तहत अनुबंधित कर्मचारियों के परिवारों को स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ भी दिया जाएगा।जिन कर्मचारियों को सेवाएं देते हुए पांच साल हो गए हैं, उन्हें पालिसी का लाभ मिलेगा। ऐसे कर्मचारियों को न्यूनतम पे स्केल से पांच प्रतिशत अधिक वेतन मिलेगा।
इसी तरह आठ साल से कार्यरत कर्मचारियों को न्यूनतम पे-स्केल से 10 प्रतिशत अधिक वेतन मिलेगा। इससे अधिक वर्षों की नौकरी पर न्यूनतम पे-स्केल से 15 प्रतिशत अधिक वेतन दिया जाएगा।
अतिथि अध्यापकों को भी मिलेगा लाभ
कच्चे कर्मचारियों के लिए घोषित किए गए सभी अतिरिक्त लाभ अतिथि अध्यापकों को भी मिलेंगे। पूर्ववर्ती हुड्डा सरकार में लगे 14 हजार अतिथि अध्यापकों के लिए हरियाणा की भाजपा सरकार पहले ही सेवा नियम बनाकर 58 साल तक के लिए नौकरी सुरक्षित कर चुकी है।
फरवरी 2019 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने विधानसभा में एक्ट पारित कराया था, जिसके तहत अतिथि अध्यापक सरकारी स्कूलों में सेवाएं दे रहे हैं। हर छह महीने में महंगाई भत्ता बढ़ाया जाता है।