साइलेंसर की मिट्टी बेचने का आरोप लगाकर 75 प्रतिशत दिव्यांग कार डीलर से 35 लाख की वसूली करने के मामले में क्राइम ब्रांच बड़खल से आरोपित पुलिसकर्मी रोहताश ने अतिरिक्त जिला सत्र न्यायाधीश अमृत सिंह की अदालत में अग्रिम जमानत याचिका लगा दी है।
इस पर आज दोपहर बाद सुनवाई होगी। इस मामले में क्राइम ब्रांच प्रभारी एसआइ नरेंद्र शर्मा, हवलदार रोहताश, सुमित उर्फ भूरा व अन्य दो कर्मचारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। यदि रोहताश को जमानत मिल जाती है तो बाकी आरोपित भी अदालत की शरण ले सकते हैं।
आरोपित पुलिसकर्मियों पर मुकदमा दर्ज
उधर पीड़ित की मांग है कि आरोपित पुलिसकर्मी जल्द गिरफ्तार होने चाहिए। दो साल के संघर्ष के बाद आरोपित पुलिसकर्मियों पर मुकदमा दर्ज किया गया है। पीड़ित ने इस मामले के जांच अधिकारी पर सही तरह से बात न करने का भी आरोप लगाया है।
एंटी करप्शन ब्यूरो की ओर से इस मामले के जांच अधिकारी इंस्पेक्टर भगवान सिंह हैं। उन्होंने आशंका जताई है कि पुलिस ही पुलिस के खिलाफ जांच कर रही है। इसलिए यह मामला प्रभावित हो सकता है। वैसे इस मामले की निगरानी ब्यूरो के पुलिस अधीक्षक चंद्रमोहन कर रहे हैं।
क्या है पूरा मामला?
पुलिसकर्मी दिव्यांग कार डीलर पर साइलेंसर की मिट्टी चोरी कर बेचने का आरोप लगा रहे थे। दिव्यांग का ऑफिस मैगपाई के सामने है। पीड़ित उमेश ने बताया कि जब वह वसूली और धमकियों से परेशान हो गया तो उसने 2022 में शिकायत करनी शुरू कर दी।
स्थानीय पुलिस के अलावा मुख्यमंत्री, गृह मंत्री को भी शिकायत भेजी गई थी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। जब यह मामला उस समय ब्यूरो के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत सिंह कपूर के संज्ञान में आया तो जांच शुरू की गई। तब से लेकर अभी तक जांच चल रही थी।
जांच में पुलिसकर्मी दोषी पाए गए और इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ। उमेश ने बताया कि चूंकि अब शत्रुजीत सिंह कपूर पुलिस महानिदेशक हैं, इसलिए उन्हें न्याय मिलने की पूरी उम्मीद है।
उधर इस मामले के बाद आरोपित अपनी जान बचाने की जुगत लग गए हैं। जिन लोगों के नाम एफआइआर में नहीं हैं वह भी परेशान हो गए हैं, क्योंकि उन्हें डर सता रहा कि अन्य मामलों में जिनसे वसूली की है, कहीं वो भी शिकायत न कर दें। बता दें क्राइम ब्रांच की कार्यशैली को लेकर पहले भी सवाल खड़े होते रहे हैं।