हरियाणा मुख्यमंत्री के मंत्रालय में अंधेर नगरी चौपट राज-
जंसमपर्क सूचना एवं भाषा विभाग के अधिकारी उड़ा रहे कानून का मजाक-
आरटीआई के तहत दी जा रही है गलत जानकारी-
दबंग विभागीय अधिकारी कर रहे सरकार की छवि खराब-
दोबारा से जानकारी लेने के लिए महानिदेशक को भेजा गया है,रिमांडर-

चंडीगढ़,हरियाणा वरदान ब्यूरो-
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के अधीन आने वाले सूचना जनसपंर्क एवं भाषा विभाग हरियाणा के अधिकारी फिलहाल इतने बे लगाम हो चुके है।जिनको ना तो कानून का डर है और ही सरकार का कोई ख़ौफ़ है,”जी हां’बिल्कुल ठीक पढ़ रहे है,दरअसल हम ऐसा इसलिए बोल रहे है,कि विभागीय अधिकारी आरटीआई के तहत मांगी जाने वाली जानकारी का भी गलत जबाब देने से नही चूक रहे है।बतादें की सोहना निवासी एक व्यक्ति ने आरटीआई के जरिये छः बिंदुओं पर जानकारी मांगी गई थी जिनमे से विभाग द्वारा मात्र एक बिंदु का जबाब दिया।लेकिन अफसोस जनक बात यह है कि जिस एक बिंदु का जबाब दिया गया है वह भी गलत है।अब इसे अधिकारियों की दबंगई कहे या फिर सरकार को बदनाम करने की साजिश कहे।हालांकि जिस व्यक्ति ने आरटीआई लगाई थी उसने विभागीय अधिकारियों को दोबारा से रिमांडर भेज कर सभी छः बिंदुओं पर स्पष्ट रूप से जानकारी देने का अनुरोध किया गया है।
आरटीआई में क्या मांगी गई थी जानकारी-

दरअसल सोहना के एक व्यक्ति द्वारा 29 अक्टूबर 2025 को महानिदेशक चंडीगढ़ से सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत सूचना जनसपंर्क एवं भाषा विभाग हरियाणा के कार्यालय से रजिस्टर्ड पोस्ट के ज़रिए जिन छः बिंदुओं पर जानकारी मांगी गई थी वह इस प्रकार है।
1:-हरियाणा में कुल कितने साप्ताहिक समाचार पत्र है,ओर उनके क्या-क्या नाम है,जिनको दिल्ली CBC से रेट कार्ड जारी किया गया है।
2:-हरियाणा जनसम्पर्क विभाग द्वारा कितने साप्ताहिक समाचार पत्रों को विज्ञापन सूची में शामिल किया गया है,ओर उनके क्या-क्या नाम है और कहा-कहा से प्रकाशित किए जा रहे है।
3:-साप्ताहिक समाचार पत्रों को किस नियम के तहत ओर किस अधिकारी की अनुमति पर विज्ञापन जारी किए जाते है,नियम की छाया प्रति दी जाए व अधिकारी के पद व नाम की भी जानकारी दी जाए।
4:-ऐसे कितने ओर कौन-कौन से साप्ताहिक समाचार पत्र है,जिनको दिल्ली CBC द्वारा रेट कार्ड जारी किया हुआ है,ओर हरियाणा विज्ञापन विभाग द्वारा इंपेलमेंट किया हुआ है,लेकिन उसके बाद भी विज्ञापन जारी नही किए जा रहे है,क्या कारण है,समाचार पत्रों के नाम सहित कारण बताया जाए।
5:-ऐसे कितने साप्ताहिक समाचार पत्र है,जिनके विज्ञापन हरियाणा में आई बाढ़ के दौरान रोके गए थे,लेकिन अभी तक भी जारी नही किए जा रहे है,समाचार पत्रों के नाम सहित खुलासा किया जाए,उस अधिकारी का नाम भी बताया जाए,जिस अधिकारी के आदेश पर विज्ञापन जारी नही किए जा रहे है।
6:-हरियाणा में बाढ़ के दौरान रोके गए साप्ताहिक समाचार पत्रों के विज्ञापन को दोबारा कितनी तारीख से शुरू किया गया था,ओर विज्ञापन किस-किस समाचार पत्र के लिए जारी किए जा रहे है,समाचार पत्रों के नाम सहित,यह भी जानकारी दी जाए कि विज्ञापन किस अधिकारी के आदेश के बाद शुरू किए गए थे,जो पत्र विज्ञापन जारी करने के लिए जारी किया गया था उसकी छाया प्रति भी दी जाये।
विभागीय अधिकारियों द्वारा क्या दी गई जानकारी-

बतादें कि विभागीय अधिकारियों ने दिनांक 19 नवंबर 2025 को पत्र क्रमांक नंबर IPRDH(E-11)RTI/2062/2025/34635 जारी करते हुए 8 बिंदुओं में से मात्र एक बिंदु पर जानकारी देते हुए बताया गया है कि हरियाणा में CBC से रेट कार्ड जारी किए गए मात्र आठ समाचार पत्र है।लेकिन जो जानकारी अधिकारियों द्वारा दी गई है,वह भी कानून का मख़ौल उड़ाते हुए गलत दी गई है।विभाग द्वारा वह एक जानकारी भी सांझा भी दी गई है।जिसका आरटीआई से कोई लेना देना ही नही।दरअसल अधिकारियों ने यह भी बताया कि हरियाणा में कितने साप्ताहिक समाचार पत्रों को प्रेसकार्ड की मान्यता दी गई है।
आखिर कौन करेगा कार्यवाही-

विभागीय अधिकारियों द्वारा दिए गए आरटीआई के जबाब से एक बात तो सिद्ध होती है,की मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के मंत्रालय सूचना जनसपंर्क एवं भाषा विभाग में तैनात कर्मचारी व अधिकारी जमकर कानून का मजाक उड़ा रहे है।जिनको ना तो कानून का ख़ौफ़ है,ओर ना ही अपने ऊपर कार्यवाही होने का कोई डर है।जो कि विभाग के अंदर बैठकर मुख्यमंत्री के मंत्रालय को बदनाम करने की साजिश रच रहे।लेकिन अब देखना इस बात का होगा कि मुख्यमंत्री अपने विभाग के अंदर बैठे ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कब तक ओर क्या कार्यवाही अमल में आते है।






