अवैध कॉल सेंटर का भंडाफोड़-11युवतियों सहित 13 ठग गिरफ्तार-
लोन देने के नाम पर करते थे लोगों से धोखाधड़ी-तीन माह से चला रहे थे कॉल सेंटर-
पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से13 मोबाईल फोन किए बरामद-
गुरुग्राम के सेक्टर 48 के स्पेस आईटी पार्क, टॉवर बी–3 में किया जा रहा था गोरख धंधा-
साइबर क्राइम पुलिस टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर की कार्यवाही-
गुरुग्राम, हरियाणा वरदान संवाददाता।
गुरुग्राम साईबर क्राइम थाना की पुलिस टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर एक बड़ी कार्यवाही करते हुए लोन दिलाने के नाम पर लोगों के साथ धोखाधड़ी करने वाले एक फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ करते हुए 11 युवतियों सहित 13 लोगों को गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल की है।पुलिस ने गिरफ्तार किए गए आरोपियों के पास से 13 मोबाइल फोन सिम सहित बरामद किए है। लोन देने के नाम पर धोखाधड़ी करके ठगी करने वाले फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया है।

कहा चलाया जा रहा फर्जी कॉल सेंटर-
अगर हम गुरुग्राम पुलिस प्रवक्ता की माने तो साइबर पुलिस थाना दक्षिण को अपने गुप्त सूत्रों से जानकारी मिली थी कि गुरुग्राम सेक्टर 48 के स्पेस आईटी पार्क, टॉवर बी–3 में उमंग फाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड के नाम से लोन देने की आड़ में साल 2025 के सितंबर माह से फर्जी कॉल सेंटर चलाया जा रहा है।जो कि लोन दिलाने के नाम पर लोगों से हजारों रुपये की धोखाधड़ी कर ठगी कर रहे है।
किस-किस को किया गया गिरफ्तार-

साइबर क्राइम पुलिस टीम ने मौके से दो पुरुष व 11 महिलाएं काबू की है,जो कॉल के माध्यम से लोगों को लोन देने का झांसा देकर ठगी करते हुए मिले जिनकी पहचान,शिवांशी,हर्षिता, मिताली,श्रेया,प्रियंका निवासी गुरुग्राम, वंशिका फरीदाबाद, शिक्षा सिंह बहराइच,अंजलि व आकांशा कानपुर,प्रीति रायबरेली,सलोनी बिजनौर, हिमांशुपाल कन्नौज व प्रिंस कुमार मेरठ उत्तर प्रदेश के रूप में हुई।पुलिस द्वारा गिरफ्तार की गई सभी युवतियों की उम्र 18 से 23 वर्ष के बीच है।
कौन था कॉल सेंटर का सरगना-
पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए आरोपियों ने पूछताछ के दौरान खुलासा किया है, फर्जी कॉल सेंटर को मेरठ निवासी सोहेल नामक व्यक्ति चलाता था।जिसने कॉल सेंटर के ऑफिस को पैंतालीस हजार रुपये मासिक किराए पर लिया हुआ था। कॉल सेंटर में काम करने वाले कर्मचारियों को महीने की पंद्रह से बीस हजार रुपये सैलरी देता था। जो कि उमंग फाइनेंस में सेल्स एक्जीक्यूटिव की जॉब के नाम पर भर्ती करता था।
जो कि ऑफिस कर्मियों से कॉल करा कर पहले लोन देने का झांसा दिलवा कर लोन प्रक्रिया के नाम पर पहले चार हजार सात सौ रुपए और फिर फाइल चार्ज के नाम पर अठारह से इक्कीस हजार रुपए वसूल थे। अधिक लक्ष्य पूरा करने वाले कर्मचारियों को 10% अतिरिक्त कमीशन भी बोनस के रूप में दिया जाता था।
पुलिस ने की कार्यवाही-
फिलहाल इस मामले में साइबर क्राइम थाना पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार करने के बाद आगामी कार्यवाही शुरू कर दी है।लेकिन देखना इस बात का होगा कि मौके से फरार हुए कॉल सेंटर के सरगना को पुलिस कब तक गिरफ्तार कर पाती है।और कितनी ठगी का खुलासा करती है।






