अरविंद केजरीवाल जेल में थे उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने हरियाणा में मोर्चा संभाल रखा था । केजरीवाल के जमानत पर जेल से बाहर आने से हरियाणा के चुनावी रण में उतरी उनकी पार्टी को बड़ी ताकत मिल सकती थी । हालांकि केजरीवाल के सामने कई चुनौतियां भी हैं। आप प्रदेशो की टोटल 90 सीटों पर रैलियां कर चुकी है।
*जेल के बाहर आते ही केजरीवाल को मिला हरियाणा चुनाव का सजा हुआ मंच
*अब कांग्रेस व आप में वोटों के बीच बिखराव से मिलेगा भाजपा प्रत्याशियों को फ़ायदा
आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल के जमानत पर जेल से बाहर आने से हरियाणा चुनावी रण में उतरी उनकी पार्टी को बहुत ताकत मिल सकती है। केजरीवाल का चुनाव प्रचार राजनीतिक रूप से कांग्रेस के लिए हानि और सत्तारूढ़ भाजपा के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।
अरविन्द केजरीवाल के सामने कई चुनौतियां
राज्यसभा सदस्य डा. संदीप पाठक और संजय सिंह ने उनका साथ दिया। विधानसभा चुनाव से पहले ही आप प्रदेश की सभी 90 सीटों पर रैलियां कर चुकी थी ।इन रैलियों में सुनीता केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, भगवंत मान, संदीप पाठक और संजय सिंह ने कार्यकर्ताओं को जोड़ने की पूरी कोशिश की है, लेकिन वे कार्यकर्ताओं में उत्साह का माहौल नहीं बना पाए। हालांकि केजरीवाल के सामने कई चुनौतियां भी खड़ी हैं।
हरियाणा और पंजाब के बीच बहोत पुराने एसवाईएल नहर निर्माण के मुद्दे पर उनकी राय पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हो पाई है।वह पंजाब के हितों की बात करते हैं और हरियाणा में स्वयं को हरियाणा का बेटा बताते हुए यहां के लोगों की पानी की जरूरत को स्वीकार भी करते हैं। पार्टी का यह दोहरा स्टैंड हरियाणा के लोगों के गले नहीं उतर रहा।