उत्तर प्रदेश के हाथरस के पुलराई गांव में चल रहे सत्संग में शामिल होने के लिए फरीदाबाद से एक बस से करीब 60 लोग हाथरस गए थे। जिनमें से सत्संग में हुई भगदड़ में तीन महिलाओं की मौत हो गई है। परिजनों का कहना है कि भोले बाबा के सत्संग के चलते यहां से करीब 50 से 60 लोग एक बस में सवार हो कर गए थे। परिजनों ने प्रशासन पर बद इंतजामी के आरोप लगाए हैं.वहीं भोले बाबा पर भी कार्रवाई करने की मांग की है। एक चश्मदीद का कहना है कि सत्संग में पचास हजार से ज्यादा लोगों की जगह थी। लेकिन वहां एक लाख से ज्यादा लोग पहुंच गए। लेकिन इंतजाम पुख्ता नहीं थे।
परिजनों ने बताया कि भोले बाबा के सत्संग के चलते यहां से एक बस 50-60 लोगों को लेकर गई थी और सत्संग में भगदड़ बचने के चलते बहुत लोगों की मौत हुई है जिनमें उनके परिवार की महिलाएं भी शामिल हैं। उनका कहना था कि यह सत्संग 50000 हज़ार लोगों के लिए आयोजित किया गया था, लेकिन वहां एक लाख से ज्यादा लोग पहुंच गए लेकिन इंतजाम पुख्ता नहीं थे। उन्होंने बताया कि जब बाबा जाने लगे तब वहां जल छिड़का जाता है और बाबा के पैरों की मिट्टी लेने के लिए श्रद्धालुओं में होड़ मच गई।
वहां कीचड़ होने के चलते लोग फिसल कर गिर गए और भीड़ उनके ऊपर से गुजरती रही, जिसके चलते श्रद्धालुओं को जान गंवाई पड़ी।वहीं सत्संग से जान बचाकर लौटी एक महिला ने बताया कि बाबा के चरणों की मिट्टी लेने के लिए भीड़ बेकाबू हो गई। हाथरस हादसे से संबंधित मारे गए लोगों में से अभी तक फरीदाबाद में तीन महिलाओं की डेड बॉडी पहुंची है, लेकिन अभी यह मालूम नहीं हो सका की और कितने लोग मरे होंगे।